नई दिल्ली : नीदरलैंड के लोग 55 की आयु होते ही इच्छामृत्यु की मांग करने लग जाते हैं। वर्तमान समय में करीब 10,000 लोग इच्छामृत्यु की मांग कर रहे हैं। वहां के स्वास्थ्य मंत्री ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि 55 की उम्र पूरी होते ही लोग मरने की इच्छा जाहिर करने लगते हैं। ऐसे लोगों की कुल संख्या पूरी आबादी का 0.18 फीसदी है।
0.18 फीसदी डच नागरिक 55 की आयु पूरी होते ही राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग करने लगते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वे ऐसा इसलिए चाहते हैं क्योंकि वे अधिक उम्र में किसी गंभीर बीमारी से ना मरकर चलती-फिरती उम्र में मर जाना पसंद करते हैं। 0.18 फीसदी का मतलब कुल 10,156 लोग ऐसे हैं जो अपनी मर्जी से मरना चाहते हैं।
सरकार को दी गई ये सलाह
रिपोर्ट में इसे समाज व सरकार के लिए एक बड़ी समस्या के तौर पर बताया गया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ये समस्या बड़ा रुप लेता जा रहा है और सरकार को इस पर कोई कड़ा कदम उठाने की जरूरत है। सरकार को सलाह दी गई है कि वे लोगों को जिंदगी जीने की तरफ नए सिरे से प्रोत्साहित करें। इससे सरकार में दो भागों में पार्टियां बंट गई हैं।
संसद में उठ रही इच्छामृत्यु को कानूनन करने की मांग
सरकार में ही कुछ सांसदों का मानना है कि उन्हें एक ऐसा बिल पारित करना चाहिए जो उन्हें इच्छीमृत्यु की अनुमति देता हो। 2001 के में बड़ी संख्या में नीदरलैंड में लोगों ने इच्छामृत्यु की मांग की थी जिसके बाद ऐसा करने पर वहां के सरकार ने पूरी तरह से बैन लगा दिया था। उस समय नीदरलैंड ऐसा करने वाला दुनिया में पहला देश बन गया था।
कई डॉक्टरों पर लगा है ये आरोप
वहां के कई डॉक्टरों पर भी लोगों की इस इच्छा में मदद करने का आरोप लगा है। 68 वर्षीय एक डॉक्टरक ने बताया कि उन्होंने एक बुजुर्ग महिला को उसकी इच्छा के मुताबिक नींद की दवा दे दी थी जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।