इस तरह के मां और पिता आपके क्यों नहीं हो सकते। यह सवाल इसलिए मौजूं है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के एक पैरेंट्स ने फैसला किया कि वो अपने बच्चों की किसी भी फरमाइश को ना कहेंगे। उस पैरेंट्स का कहना है कि बच्चों के मनमुताबिक काम करने से ना सिर्फ वो ऊर्जावान महसूस करते हैं बल्कि बच्चों के विकास में भी यह सार्थक भूमिका अदा कर रहा है। अब यह सुनकर उन बच्चों को निराशा हो सकती है कि उनके पैरेंट्स शायद वैसे ना हों। लेकिन आप अपने पैरेंट्स को इस बात की जानकारी दे सकते हैं।
'यस डे' से आया आइडिया
साउथ वेल्स में लॉकडाउन की वजह से बच्चे आउटिंग के लिए नहीं जा पा रहे और उसका असर ये हो गया है कि बच्चे बोर हो जा रहे हैं। इसे देखते हुए हाना सिमंसन और उसके पति ने नायाब फैसला किया। उन्होंने फैसला किया कि उनके बच्चे जो कुछ कहेंगे उसे पूरी करेंगे।
आठ वर्ष का पॉपी और उसकी तीन वर्ष की बहन चार्ली अपने पैरेंट्स के चेहरे पर पेंटिंग करते हैं। अब यह भी जानना दिलचस्प है कि सिमंसन को यह विचार कहां से आया। उसके बारे में वो कहती हैं कि दरअसल उन्होंने Yes Day फिल्म देखी थी जिसमें बच्चे अपने बोरियत को मिटाने के लिए अपने मां बाप के साथ खेला करते थे। और उस फिल्म को देखने के बाद पॉपी और चार्ली ने वही सबकुछ करने का फैसला किया।
फेसबुक पर साझा किया अनुभव
हाना ने फेसबुक पर लिखा, हमने कहा कि कार में पेट्रोल खत्म हो गया तो डैडी को कार की टंकी भरानी पड़ी। फिर वे मैकडॉनल्ड्स का नाश्ता चाहते थे। हमें कार धोने के लिए जाना था, लेकिन टेस्को बंद था इसलिए हैंड कार वॉश से 4-5 ब्लो सफाई के साथ करनी पड़ी।हाना कहती हैं कि ,बसे शर्मनाक हिस्सा शायद पार्क में जाना था। वहां बहुत सारे परिवार थे, जो कि हमारी तुलना में सामान्य परिवार थे। यह शायद सभी स्टार्स थे जो हमें मिल रहे थे जो हम कर रहे थे।
दूसरे पैरेंट्स भी आजमां सकते हैं
भले ही 'यस डे' चुनौतीपूर्ण है लेकिन इसे दूसरे माता-पिता भी आजमा सकते हैं। हालांकि हमने कुछ नियम निर्धारित किए हैं जैसे कुछ भी खतरनाक नहीं है-हम दिन को जीवित रखना चाहते थे। हालांकि बच्चे हर महीने एक हां दिवस चाहते हैं। हाना और जेम्स इसे हर कुछ महीनों में आज़माने के लिए सहमत हुए। हाना का कहना है कि हम इसे फिर से करेंगे क्योंकि हम वास्तव में खुद को काफी पसंद करते हैं!