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एक पेड़ ऐसा, जो आज भी है अंग्रेजों का गुलाम, नशे में धुत ऑफिसर ने किया था गिरफ्तार

Updated Jan 13, 2022 | 13:49 IST

Ajab Gajab News: साल 1898 की बात है। उस वक्त भारत-पाकिस्तान एक ही थी। खैबर पख्तूनख्वाह स्थित लंडी कोटल आर्मी कैंटोनमेंट में जेम्स स्क्विड नाम का एक ब्रिटिश ऑफिसर हुआ करता था। एक रात उसने जमकर शराबी पी। नशे में धुत होकर वह पार्क में घूम रहा था। अचानक उसकी नजर एक पेड़ पर पड़ी। जेम्स को लगा कि वो पेड़ उसकी तरफ आ रहा है।

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नशे में धुत अंग्रेज ने पेड़ को किया था गिरफ्तार
मुख्य बातें
  • 1898 में ब्रिटिश शासक ने नशे में पेड़ को किया था गिरफ्तार
  • खैबर पख्तूनख्वाह में मौजूद है ये पेड़
  • डर के कारण जेम्स स्क्विड ने उठाया था ये कदम

अंग्रेजों ने हम पर किस तरह राज किए और जुल्म ढाए इससे हम सब वाकिफ हैं। कई कहानियां सुनकर आज भी हमारी रूह कांप जाती है। आजादी के लिए कितनों ने अपनी जान दे दी और कईयों तो सालों तक उनके गुलाम बने रहे। लेकिन, आज हम आपको एक ऐसे मामले से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लगेगा। लेकिन, घटना सौ फीसदी सच है। क्योंकि, पाकिस्तान में एक ऐसा पेड़ है जिसे अंग्रेजों ने अपना गुलाम बनाया था। हैरानी की बात ये है कि ये पेड़ आज भी जंजीरों में जकड़ा हुआ है।  

साल 1898 की बात है। उस वक्त भारत-पाकिस्तान एक ही थी। खैबर पख्तूनख्वाह स्थित लंडी कोटल आर्मी कैंटोनमेंट में जेम्स स्क्विड नाम का एक ब्रिटिश ऑफिसर हुआ करता था। एक रात उसने जमकर शराबी पी। नशे में धुत होकर वह पार्क में घूम रहा था। अचानक उसकी नजर एक पेड़ पर पड़ी। जेम्स को लगा कि वो पेड़ उसकी तरफ आ रहा है। क्योंकि, उसे बिल्कुल ही होश नहीं था। उसे डर लगने लगा कि पेड़ उस पर हमला कर उसकी जान ले लेगा। उसने तुरंत अपने से नीचे के लोगों को आदेश दिए कि पेड़ को गिरफ्तार किया जाए। आदेश का पालन करते हुए कर्मचारियों ने पेड को जंजीरों में जकड़ दिया। गुलामी के कारण उस वक्त किसी ने उसका विरोध भी नहीं किया।  

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नशे में पेड़ को किया गया था गिरफ्तार

अंग्रेजों की गुलामी से देश आजाद हो गया और भारत-पाकिस्तान का बंटवारा भी हो गया। लेकिन, आज तक किसी ने जंजीरों को पेड़ से नहीं निकाला। लोगों का  मानना है कि अंग्रेजों के जुल्म का यह सबूत है। लोगों को अंदाजा हो जाएगा कि किस तरह अंग्रेज जुल्म किया करते थे। इतना ही नहीं पेड़ पर एक तख्ती लटकी है, जिस पर साफ-साफ लिखा है कि 'I am Under arrest'। आजाद हुए इतने साल हो गए लेकिन यह पेड़ आज भी अंग्रेजों का गुलाम है।