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लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों ने पेश की अनोखी मिसाल, जिस स्कूल में ठहरे...

Updated Apr 22, 2020 | 10:56 IST

Migrant labourers in Lockdown: राजस्थान के सीकर जिले के एक गांव में फंसे प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन में अनोखी मिसाल पेश की है।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
पुताई करते मजदूर।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है। बड़ी तादाद में मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंस हुए हैं। लेकिन राजस्थान के सीकर जिले में फंसे प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन में अनोखी मिसाल पेश की है। यहां के एक गांव में प्राथमिक स्कूल को फिलहाल पलायन सेंटर बनाया गया है। इस स्कूल में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मजदूर ठहरे हुए हैं। मजदूरों ने देखा कि स्कूल में लंबे अरसे से रंगाई-पुताई और साफ-सफाई नहीं हुई है और जिसके बाद उन्होंने खाली बैठने के बजाए काम करने का फैसला किया।

मजदूरों ने नहीं लिया कोई पैसा 

मजदूरों ने स्कूल में रंगाई-पुताई का प्रस्ताव सरपंच के सामने रखा। मजदूरों ने सरपंच से कहा कि वो पलायन सेंटर स्कूल के साथ अच्छी यादें जोड़ना चाहते हैं। उन्होंने सरपंच से कहा कि हम यहां मुफ्त में खा रहे हैं, हमारा फर्ज है कि हम कुछ न कुछ इस स्कूल को दें। इसके बाद मजदूरों के लिए पेंट, चूना, ब्रश इत्यादि का इंतजाम किया गया और उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से स्कूल की सूरत ही बदल डाली। जब मजदूरों को पैसे देना की बात कही गई ती उन्होंने साफ इनकार कर दिया। बता दें कि मजदूरों को स्कूल में 30 दिन से अधिक का समय हो गया है और उनके लिए स्कूल में ही भोजन तैयार किया जाता है।

राजस्थान में कोरोना के 1,600 से अधिक मरीज

राजस्थान में कोरोना मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है। राज्य में 83 नए मामले आने से कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 1,659 हो गई है। 83 नये मामलों में जयपुर से 63, भीलवाड़ा से चार, जोधपुर से पांच, टोंक, कोटा, जैसलमेर और दौसा से दो-दो मामले भी शामिल हैं। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के साथ साथ 61 वे लोग भी हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर और जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है। राज्यभर में लॉकडाउन है और अनेक थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।