नई दिल्ली: कोलकाता की एक शादीशुदा महिला अपने पति के साथ सिख जत्थे में सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी की जयंती मनाने के लिए पाकिस्तान गई थी। लेकिन उसने वहां जो किया उससे सभी अचंभित हैं। महिला ने कथित तौर पर इस्लाम धर्म अपना लिया और लाहौर के एक व्यक्ति से शादी कर ली। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इस्लाम अपनाने और लाहौर के व्यक्ति मुहम्मद इमरान से शादी करने के बावजूद, कोलकाता की महिला यह महिला पाकिस्तान में नहीं रह सकी और 26 नवंबर को वाघा-अटारी इंटरनेशनल बॉर्डर के जरिये सिख जत्थे लौटने पर उन्हें भारत वापस भेज दिया गया।
गौर हो कि महिला और उनके पति बहरे और गूंगे हैं और दिलचस्प बात यह है कि मुहम्मद इमरान भी बहरे और गूंगे हैं। सूत्रों के मुताबकि कौर सोशल मीडिया पर मुहम्मद इमरान के संपर्क में थी, जो उनके पति को भी पता था। जब पाकिस्तान में उन्होंने जस्टिस ऑफ पीस के कार्यालय में एक अर्जी दायर की और अपने सिख पति की उपस्थिति में इमरान से शादी भी की। सूत्रों ने यह भी बताया कि उसने खुद को परवीन सुल्ताना नाम दिया। मोहम्मद इमरान पाकिस्तानी पंजाब के राजनपुर के रहने वाले है। 23 नवंबर को महिला और इमरान ने लाहौर में निकाह किया। जब महिला ने कथित तौर पर एक पाकिस्तानी कोर्ट में अपने भारतीय पति से तलाक ले लिया।
सूत्रों के मुताबकि ने यह महिला अपने पति के साथ शुक्रवार शाम को वाघा-अटारी में पाकिस्तान से वापस आने वाली थी। उसने इस्लाम स्वीकार कर लिया और एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली, लेकिन पाक अधिकारियों ने उसे लाहौर में वापस रहने की अनुमति नहीं दी क्योंकि वह तीर्थयात्री के तौर पर यात्रा कर रही थी, जिसकी अवधि भी समाप्त हो गई थी। उसके बाद वह अपने भारतीय पति के साथ वापस आ गई है और वह फिर से पाकिस्तान वीजा के लिए आवेदन कर सकती है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिअद (डी) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, जो दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कहा कि एक बंगाली सिख तीर्थयात्री के पाकिस्तान में धर्मांतरण और पुनर्विवाह के मद्देनजर, हमने यात्रा करने वाले जत्थे के सदस्यों से अपील की है। पवित्र गुरुद्वारे पर अपनी गतिविधियों को 'दर्शन और दीदार' तक सीमित रखें। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में शादी करने वाली बंगाली सिख महिला की घटना से बहुत शर्मिंदगी हुई और एक विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्यों से पाकिस्तान में सिख तीर्थयात्रा पर भी प्रतिबंध लग सकता है।