पूरा देश आज स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती मना रहा है। हर साल 12 जनवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है। इस दिन को युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। युवा संन्यासी और आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद गरीबों की सेवा करना ही भगवान की सच्ची भक्ति मानते थे। कलकत्ता के एक छोटे से गांव में 12 जनवरी 1863 जन्मे विवेकानंद बचपन से ही बहुत ही तीक्ष्ण बुद्धि के थे। विवेकानंद के मन में बचपन से ही धर्म एवं अध्यात्म के संस्कार गहरे होते गए। उनके जीवन से युवा काफी प्रभावित हुए।उनके रोम-रोम राष्ट्रभक्ति में डूबा हुआ था।
उन्होंने कभी भी किसी चीज का लोभ अपने मन में नहीं रखा, ना ही उन्होंने निजी मुक्ति को जीवन का लक्ष्य बनाया था। उनका एकमात्र लक्ष्य करोड़ों भारतीयों का जीवन का उत्थान था। युवा सन्यासी स्वामी विवेकानंद आज भी करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। अमेरिका के शिकागो में धर्म सभा में अपने धाराप्रवाह भाषण के कारण अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए विवेकानंद अपने ओजपूर्ण और बेबाक भाषणों के कारण काफी लोकप्रिय हुए, खासकर युवाओं में। उन्होंने मानवता की सेवा एवं परोपकार के लिए 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। इस मिशन का नाम विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रखा था।
स्वामी विवेकानंद की जयंती पर पढ़ें उनके कुछ अनमोल विचार, इनका पालन करते हैं तो ये आपके जीवन के रुख को बदल कर रख देंगे:-
- उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
- एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ
- पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
- जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
- हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं। वे दूर तक यात्रा करते हैं।
- जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे।
- एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो, उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका है।
- जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।
- ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।