- यूएई वाणिज्य दूतावास की एक पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश का नाम गोल्ड तस्करी में आ रहा है
- अपना नाम आने के बाद से ही अंडरग्राउंड हो गई है स्वप्ना सुरेश
- केरल सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की पूर्व सलाहकार रह चुकी है स्वप्ना
नई दिल्ली: केरल में सोना तस्करी मामले में राज्य सरकार एक तरह से फंसती हुई नजर आ रही है। विदेशी राजनयिक के नाम पर 30 किलोग्राम सोने की तस्करी के मामले ने इस कदर तूल पकड़ा कि मामला केंद्र तक पहुंच गया और इसकी जांच आइटी विभाग तक पहुंच गई है। इस गोल्ड तस्करी में विभाग की महिला कर्मचारी का नाम आया है जो इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं और उनका नाम है स्वप्ना सुरेश। विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन पर इस्तीफे का दवाब बना रहा है और कह रहा है कि सरकार स्वप्ना को बचाने में जुटी हुई है।
स्वप्ना ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
स्वप्ना सुरेश को इस मामले का सूत्रधार माना जा रहा है जिसने अब जमानत के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि वह तस्करी के मामले से अंजान थी। एक ऑडियो संदेश में, जिसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है, उसमें स्वप्ना ने कहा कि उसे राजनीतिक लाभ के लिए मामले में फंसाया गया और कहा कि अगर मीडिया के माध्यम से उसका चरित्र हनन जारी रहा है तो वह आत्महत्या कर लेंगी।
स्वप्ना ने दी ये सफाई
कथित ऑडियो के माध्यम से अपनी सफाई में स्वप्ना ने कहा, 'मैंने संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास में सामान की क्लियरिंग की देरी के बारे में सीमा शुल्क अधिकारी से संपर्क किया। कूटनीतिक सामान के माध्यम से सोने की तस्करी में मेरी कोई भूमिका नहीं है। मैंने कस्टम एसी राममूर्ति को कॉल किया और उनसे देरी के बारे में पूछा। उन्होंने मुझे बताया कि वह इस मामले की जांच करेंगे।' स्वप्ना को यह कहते हुए भी सुना जाता है कि वह इसलिए छिपी हुई थी क्योंकि अपराध में उसकी कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन वह उन लोगों से डरती थी जो इसके पीछे हैं।
कौन है स्वप्ना
स्वप्ना सुरेश केरल के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की पूर्व सलाहकार है और यह विभाग सीधे तौर से मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के कार्यालय के अधीन है। इसलिए सरकार पर लगातार दवाब पड़ता जा रहा है। माना जा रहा है कि स्वप्ना ही इस केस की सूत्रधार है। मुख्यमंत्री ने तुरंत हरकत में आते हुए सोमवार को ही स्वप्ना की सेवाएं समाप्त कर दी और अपने प्रधान सचिव एम शिवशंकर का ट्रांसफर कर दिया जिन्हें स्वप्ना का करीबी बताया जा रहा है।
ऐस शुरू हुआ करियर
स्वप्ना के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने 2011 में एक ट्रैवल एजेंसी में नौकरी की थी जिसके 2 साल बाद वह एयर इंडिया से जुड़ गईं। उनके खिलाफ तब भी धोखाधड़ी के मामले में क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की थी जब वह 2016 में अबू धाबी चले गईं थी। कहा जाता है कि एयर इंडिया में काम करने के दौरान स्वप्ना के हवाई अड्डों पर कस्टम के कई अधिकारियों से अच्छे संपर्क हो गए। बाद में उसके कई राजनयिकों के साथ भी अच्छे संपर्क बन गए जिसका इस्तेमाल उसने सोने की तस्करी के लिए किया। स्वप्ना सुरेश यूएई वाणिज्य दूतावास की एक पूर्व कर्मचारी भी रह चुकी हैं।