उन्नाव : उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक सरकारी स्कूल की टीचर की लापरवाही का मामला सामने आया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सरकारी माध्यमिक स्कूल में पढ़ाने वाली महिला टीचर को अंग्रेजी पढ़नी तक नहीं आती। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जिला मजिस्ट्रेट चेकिंग दौरे पर स्कूल आए थे।
जब जिला मजिस्ट्रेट देवेंदर कुमार पांडे ने महिला टीचर को अंग्रेजी की किताब पढ़ने (रीडिंग) के लिए कही तो वह पढ़ नहीं पाई। मामला उन्नाव के सिकंदरपुर सराउसी का है। हैरानी की बात ये है कि कक्षा में बैठे छोटे बच्चों के सामने ही महिला टीचर का ये रुप सामने आया। जब महिला टीचर से अंग्रेजी की किताब पढ़ने को कहा गया तो वह कुछ लाइन भी नहीं पढ़ पाई।
डीएम ने महिला टीचर को सस्पेंड केा आदेश जारी कर दिया है। बताया जाता है कि जिला मजिस्ट्रेट स्कूल मे औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान वे उस वक्त हैरान रह गए जब एक कक्षा में पढ़ा रही महिला टीचर को अंग्रेजी पढ़नी तक नहीं आ रही थी। कक्षा में जाने पर पता चला कि बच्चे अंग्रेजी नहीं पढ़ पा रहे थे।
ये देखकर डीएम ने महिला टीचर से कहा कि वे अंग्रेजी किताब पढ़कर बच्चों के बताएं। बताया जाता है कि महिला टीचर राजकुमारी कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाती हैं। जब डीएम ने राजकुमारी से अंग्रेजी पढ़ने के लिए कहा तो वह नहीं पढ़ पाईं।
रिपोर्ट के मुताबिक इस टीचर के बाद डीएम ने एक दूसरी टीचर को अंग्रेजी किताब का एक चैप्टर पढ़ने के लिए कहा। इस पर दूसरी टीचर ने कहा कि वह अपना चश्मा घर भूल आई हैं इसलिए वह नहीं पढ़ सकती हैं। इस पर डीएम ने उन शिक्षकों से कहा कि 'मैं आपको अनुवाद करने के लिए नहीं कह रहा हूं बस वह पाठ पढ़ने (रीड) के लिए कह रहा हूं। पर वह भी आप पढ़ नहीं पा रही हैं। आपने बीए किया है, बीटीसी किया है।'
सरकारी स्कूल की ये दशा देखकर नाराज डीएम ने उन शिक्षकों के सस्पेंशन के ऑर्डर जारी कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने डीएम के इस कदम की प्रशंसा की है।