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इस साल अब सूरज नहीं देख पाएंगे इस शहर के लोग, 23 जनवरी, 2021 तक करना होगा इंतजार

Updated Nov 20, 2020 | 13:40 IST

Utqiaġvik Alaska polar night: अलास्का के शहर उत्कियाविक में सूरज दो महीने के बाद दिखेगा। यह अद्भुत घटना यहां हर साल होती है जिसे पोलर नाइट के नाम से जाना जाता है।

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अलास्का के इस शहर मे अब सूरज 66 दिन के बाद निकलेगा।
मुख्य बातें
  • अलास्का के शहर उत्कियाविक में सूरज अब 66 दिन के बाद निकलेगा
  • सूरज 19 या नवंबर को साल में अंतिम बार दिखता है
  • इस शहर की आबादी लगभग 4 हजार है

नई दिल्ली: एक शहर जहां सूरज रोज नहीं निकलता और जब वह अस्त होता है तो 66 दिन बाद निकलता है। यह शहर है अलास्का राज्य में स्थित शहर उत्कियाविक। 19 नवंबर को यहां आखिरी बार सूरज निकला। यानी 20 नवंबर से लेकर 22 जनवरी 2021 तक यहां पूरी तरह अंधेरा रहेगा। सूरज निकलेगा ही नहीं। अब यहां सूरज 66 दिनों के बाद 23 जनवरी 2021 में निकलेगा। इसे पोलर नाइट के नाम से जाना जाता है, जिस दिन सूरज अस्त होता है अंतिम दिन लोग जश्न मनाते हैं फिर इसके बाद जिस दिन सूरज निकलेगा उस दिन भी शानदार जश्न होता है।  

अलास्का ध्रुवीय इलाके में आता है। यहां हर साल ऐसा ही होता है और इस प्रकार का नजारा होता है जब सूरज 66 दिन तक लोगों को नहीं दिखता है। सूरज 19 या नवंबर को साल में अंतिम बार दिखता है। लेकिन उसके बाद फिर यह उतकियागविक शहर में 23 जनवरी को सूर्य नजर आएगा। इस शहर का औसत तापमान माइनस 5 डिग्री से नीचे ही रहता है।

लगभग 4 हजार की आबादी वाली उतकियागविक शहर में सूरज और रोशनी के बिना मौसम काफी सर्द रहता है। ठिठुरती ठंड से मुकाबलना करना यहां के लोगों के लिए आसान नहीं होता है। लेकिन क्योंकि यह यहां हर साल होता है इसलिए वो इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार रहते हे।कई बार तो यहां का तापमान माइनस में 10 से 20 डिग्री तक नीचे चला जाता है। दो महीने के अंधेरे में शहर का औसत तापमान भी माइनस 5 डिग्री से नीचे ही रहता है।

पोलर नाइट शुरू होते ही इलाके में ठंड बढ़ जाती है। नवंबर से जनवरी तक के ठंडे महीनों के दौरान यहां का तापमान माइनस 5 से 10 डिग्री फेरनहाइट यानी माइनस 20 से लेकर माइनस 23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है। उत्तरी ध्रुव की तरफ आगे बढ़ते हुए सर्दियों में कुछ जगहों पर दिन इतने छोटे होते हैं कि वहां प्रकाश नहीं होता है और पूरा अंधेरा रहता है। सर्दियों में दिन में भी अंधेरा रहता है, क्योंकि आर्कटिक सर्किल के ऊंचाई पर स्थित होने की वजह से सूरज यहां क्षितिज से ऊपर ही नहीं आ पाता और इस स्थिति को विज्ञान की भाषe में ‘पोलर नाइट्स’ कहा जाता है।  यह एक घटना है जिसे आप सर्दियों के महीनों के दौरान पोलर सर्कल के भीतर पाते हैं।