- उत्तर प्रदेश से सामने आया लापरवाही का मामला
- शिक्षक की मौत के बाद भी उसके खाते में 18 महीने तक जाती रही सैलरी
- मामला सामने आने के बाद जांच की बात कही गई है
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शिक्षक का निधन हो जाता है, लेकिन इसके बाद भी उसके खाते में 18 महीने तक सैलरी आती है। मृतक शिक्षक की पहचान अरविंद कुमार के रूप में हुई है। कुमार का 22 मई 2016 को निधन हो गया था। वह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के बिलसांडा प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे।
ये मामला तब सामने आया जब कुमार की पत्नी ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन किया। रिकॉर्ड की जांच पर करने पर बेसिक शिक्षा अधकारी (BSA) को पता चला कि कुमार को नवंबर 2017 तक का वेतन मिला था। बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया, 'अनियमितता तब सामने आई जब लेखा अनुभाग द्वारा समीक्षा की जा रही थी। कुमार ने 5 नवंबर 2015 को एक शिक्षक के रूप में ड्यूटी ज्वॉइन की थी और 22 मई 2016 को उनकी मृत्यु हो गई। लेकिन लेखा अनुभाग ने नवंबर 2017 तक उनके मासिक वेतन को उनके बैंक खाते में स्थानांतरित करना जारी रखा।'
पीलीभीत के बेसिक शिक्षा समन्वयक राकेश पटेल ने कहा कि सैलरी शीट हेडमास्टर द्वारा तैयार की जाती है। फिर सैलरी शीट खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दी जाती है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उस रिपोर्ट को अकाउंट सेक्शन को भेजते हैं जो बिल बढ़ाता है और वेतन को कर्मचारी के बैंक खाते में स्थानांतरित करता है।
बीएसए ने इस घटना को गंभीर मामला कहा है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। बीएसए ने कहा कि ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका को बारीकी से देखा जाएगा।