- जानिए क्षुद्रग्रह दिवस (एस्टॉरायड डे) का इतिहास और महत्व।
- एस्टॉरायड डे पर कार्यक्रम इस बार ऑनलाइन आयोजित होंगी।
- जानें किसे कहते हैं एस्टॉरायड।
'अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस' यानी एस्टॉरायड डे 30 जून को मनाया जाता है। क्षुद्रग्रह के खतरे को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए इस खास दिन की शुरुआत की गई थी। ताकी लोग ब्रह्मांड के निर्माण में क्षुद्रग्रहों की भूमिका के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। दिसंबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संकल्प A / RES / 71/90 को अपनाया और 30 जून को अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस के रूप में घोषित किया। वहीं 30 जून की तारीख इसलिए चुना गया क्योंकि यह तुंगुस्का घटना की सालगिरह का प्रतीक है।
क्षुद्रग्रह दिवस (एस्टॉरायड डे) का इतिहास और महत्व
साल 2016 दिसंबर में, संयुक्त राष्ट्र ने 15 फरवरी, 2013 को रूस के चेल्याबिंस्क में उल्का प्रभाव के बाद, शिक्षा और जागरूकता को बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस के रूप में घोषित किया। 30 जून को संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव ए / आरईएस / 71/90 की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस के रूप में घोषित किया गया था। जो अंतरिक्ष खोजकर्ताओं के संघ द्वारा प्रस्तावित है और समिति द्वारा बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोगों (सीओपीयूओएस) के द्वारा समर्थित है।
यह दिन साल 1908 के तुंगुस्का प्रभाव की सालगिरह का प्रतीक है जब रूस के साइबेरिया में पॉडकमेनेया तुन्गुस्का नदी के किनारे घने वन क्षेत्र में 30 जून 1908 की सुबह अंतरिक्ष से जलता हुआ उल्कापिंड गिरा था। उल्कापिंड गिरने की वजह से 2,150 वर्ग किलोमीटर के वन क्षेत्र में 80 मिलियन पेड़ नष्ट हो गए थे। वहीं तब से लेकर अब तक वैज्ञानिक उसके रहस्य का पता नहीं लगा पाए हैं। इसके अलावा अब तक इसे लेकर किसी को जानकारी नहीं है कि आखिर यह घटना कैसे हुई थी। आज भी इसे लेकर वैज्ञानिकों की रिसर्च जारी है।
क्या है एस्टॉरायड
क्षुद्रग्रह यानी एस्टॉरायड एक खगोलिय पिंड होते है जो ब्रह्माण्ड में विचरण करते रहते हे। यह आपने आकार में ग्रहो से छोटे और उल्का पिंडो से बड़े होते है। वे ज्यादातर मंगल और बृहस्पति की क्षेत्र के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट में पाए जाते हैं। एस्टॉरायड को छोटे ग्रहों के रूप में समझा जा सकता है जो सौर मंडल के जन्म के समय विकसित नहीं हुए थे। एस्टॉरायड को चट्टानों के बिग बैंग से बचे हुए के रूप में भी जाना जाता है और कई सौ हजारों एस्टॉरायड हो सकते हैं जो प्रारंभिक ब्रह्मांड का रहस्य रखते हैं जो अभी भी अनदेखे हैं। वहीं कई लोग क्षुद्रग्रह यानी एस्टॉरायड को ही उल्का पिंड भी कहते हैं, लेकिन जब कोई क्षुद्रग्रह सूर्य का चक्कर लगाने के बाद पृथ्वी पर गिरकर बच जाता है तो उसे उल्का पिंड कहते हैं।
एस्टॉरायड डे 2020
अंतराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस यानी एस्टॉरायड डे 2020 को लेकर कई विशेषज्ञों के बीच विभिन्न तरह की पैनल चर्चाएं आयोजित की जाती हैं। लेकिन इस साल कोरोना महामारी की वजह से यह चर्चाएं ऑनलाइन होंगी। आप चाहे को एस्टॉरायड डे पर यूट्यूब चैनल या वेबसाइट से ऑनलाइन लाइव इवेंट देख सकते हैं।