राजस्थान में बीकानेर जिले के छत्तरगढ़ थाने में पुलिस पिछले करीब डेढ़ साल से एक संदिग्ध पाकिस्तानी कबूतर की मेहमान नवाजी में जुटी हुई है। पुलिसकर्मी कबूतर को दिनभर दाना चुगाने से लेकर उसकी सुरक्षा व स्वास्थ्य का भी ख्याल रख रहा है। दरसल ये स्पेशल कबूतर अपने स्पेशल पहनावे और बर्ताव की वजह से जाना जाता है। छतरगढ़ तहसील के मोतीगढ़ गांव में पुलिस ने करीब डेढ़ साल पहले एक संदिग्ध कबूतर बरामद किया था, जिसके पंखों पर संदेश व पैर में बंधे छल्ले थे। छत्तरगढ़ पुलिस संदिग्ध कबूतर को बरामद कर थाने लाकर इसकी सुचना सुरक्षा एजेंसी को दे दी थी, लेकिन करीब डेढ़ साल से छत्तरगढ़ पुलिस के लिए सिरदर्दी बन हुआ कबूतर की अभी तक जांच नहीं होने के कारण छतरगढ़ थाने के जवानों को अपनी सेवा में लगाए रखता है। जगदीश गोदारा, दलीप,अशोक, समेत पूरा स्टाफ इस कबूतर की मेहमान नवाजी में ड्यूटी बारी-बारी से तैनाती रहती है।
बीकानेर के सीमावर्ती इलाके में इसे 14 मार्च 2020 को मोतीगढ़ निवासी हाजी जमाल खान के घर संदिग्ध कबूतर के रूप में पुलिस ने बरामद किया था। उसके पैरों में छल्ला डाला हुआ था। कबूतर के पंखों पर मोहर लगी हुई थी। जिस पर चारणपुर टू लाहौर 225 किलोमीटर अंकित किया गया था। पुलिस ने उच्च अधिकारियों व आईबी, बीएसएफ को इसके बारे में सूचना दी थी। लेकिन दो बार लॉकडाउन के कारण सुरक्षा एजेंसिया अभी तक जांच के लिए नहीं पहुंची है। पुलिस निगरानी में पिछले डेढ़ साल से मेहमान नवाजी करवा रहे कबूतर लोहे के पिंजरे में कैद रहने से उड़ना भूल चुका है वहीं कैद में रहकर खातिरदारी का लुत्फ ले रहे कबूतर का वजन भी पहले से दोगना हो चुका है।
बहरहाल, सुरक्षा एजेंसियों के नहीं पहुंचने तक थाना स्तर पर कबूतर को रखने की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा एजेंसियों को जांच के लिए लिखा गया है। सुरक्षा एजेंसी व जांच रिपोर्ट आने के बाद कबूतर को आजाद किया जाएगा। लेकिन तब तक उसकी मेहमाननवाजी बदस्तूर जारी रहेगी।