- सरहद पार से चल रहा जाली नोटों की तस्करी का खेल
- जाली नोटों के बदले देनी होती हैं 40 प्रतिशत असली करेंसी
- देश के कई हिस्सों में पहुंच रहे आसानी से जाली नोट
Prayagraj Crime: जाली नोट देश की इकोनॉमी पर असर डाल रहे हैं। वहीं इस समय सुरक्षा एजेंसियों के लिए परेशानियां खड़ी कर रहे हैं। यूपी एसटीएफ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रयागराज में 3.40 लाख रुपए के जाली नोटों के साथ दो तस्करों को अरेस्ट किया है। एसटीएफ से पूछताछ में दोनों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। दोनों आरोपी पहले भी कई दफा भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर स्थित पश्चिम बंगाल के मालदा से जाली नोटों को तस्करी के जरिए लाकर यहां के बाजारों में इस्तेमाल कर चुके हैं।
एसटीएफ के मुताबिक गत माह की 28 जुलाई को भी दो हजार के नकली नोट लाए थे। पुलिस के मुताबिक पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने बताया कि जाली नोटों के बदले असली नोटों की 40 प्रतिशत राशि का भुगतान करना पड़ता है। पुलिस द्वारा बरामद किए गए 3.40 लाख के जाली नोटों के बदले दोनों तस्करों ने एक लाख 36 हजार रुपए के असली नोटों का पेमेंट किया था।
सरहद पार से चल रहा सारा खेल
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के नाम मदनलाल व बबलू चौरसिया है। दोनों तस्कर बंगाल के मालदा से विश्वजीत सरकार व सुभाष मंडल से नकली नोट खरीद कर लाते हैं। एसटीएफ के मुताबिक दोनों आरोपियों की ओर से तस्करी कर लाए गए जाली नोट बाजार में फैल चुके हैं। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर इस पूरे सिंडिकेट के भंडाफोड़ में लगी है। पुलिस जांच में इस खेल के बड़े गुनहगारों का पता लगाया जा रहा है। यूपी एसटीएफ ने बताया कि जांच में जो जानकारी सामने आई है वो चौंकाने वाली है। वेस्ट बंगाल बॉर्डर पर इंडिया- बांग्लादेश की सरहद पर स्थित मालदा जनपद जाली नोटों का गढ़ है। पुलिस के मुताबिक तस्करों ने बताया कि मालदा के एक गांव में सरहद के उस पार से आई जाली नोटों की खेप उतरती है। बीएसएफ की गश्त दिन में एक बार ही होती है। यही वजह है कि गश्त के बाद जाली नोटों के तस्कर अपनी कारस्तानी को अंजाम देते हैं। जाली नोटों की तस्करी में नाबालिग बच्चों को भी शामिल किया जाता है। जिनके जरिए तस्कर ग्राहकों तक खेप पहुंचाते हैं। यूपी एसटीएफ के मुताबिक जाली नोट राजधानी दिल्ली समेत साउथ इंडिया, यूपी, बिहार व कई अन्य राज्यों में भेजे जाते हैं। पकड़े गए तस्करों से पूछताछ जारी है।