- वाराणसी में लंबे समय से रोप-वे निर्माण की चल रही कवायद
- रोप-वे निर्माण पीपीपी मॉडल पर चलाया जाना
- आरएफपी डॉक्यूमेंट एवं ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई गई थी
Varanasi Ropeway Development: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी में हैं। प्रधानमंत्री द्वारा इस दिन कई सौगात इस जिले को मिलेगी। इससे पहले बुधवार को योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट के लिए 410 करोड़ रुपए मंजूर किए। शहर के कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक रोप-वे निर्माण के लिए कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से यह फंड जारी किया गया है।
बता दें लंबे समय से शहर में रोप-वे निर्माण को लेकर प्रयास चल रहा है। पूर्व में पीपीपी मॉडल पर यह प्रोजेक्ट चलाया जाना था। इसके लिए कैबिनेट से आरएफपी डॉक्यूमेंट एवं ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट को मंजूरी दिलाई गई थी।
रोप-वे निर्माण के लिए छह बार सीमा विस्तार हुआ
रोप-वे के निर्माण के लिए छह बार सीमा विस्तार किया गया है। फिर भी इसमें प्रगति नहीं हुई। इसे देखते हुए अब नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड से पर्यटन विस्तार से जुड़े इस खास प्रोजेक्ट का निर्माण कराने पर सहमति बनी है। रोप-वे परियोजना अब नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड, वाराणसी विकास प्राधिकरण और प्रदेश सरकार के सहयोग से पूरी की जानी है। इससे संबंधित त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
रोप-वे में होंगे पांच स्टेशन
कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक प्रस्तावित रोप-वे में पांच स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें कैंट स्टेशन परिसर, काशी विद्यापीठ, गिरजाघर क्रॉसिंग, रथयात्रा चौराहा, गोदौलिया चौराहा आदि हैं। वहीं, 30 टावर बनाए जाने हैं। इनमें 22 केबल ट्रॉली कार होगी। हर ट्रॉली कार की क्षमता 10 लोगों की रहेगी। लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए रोप-वे कैंट स्टेशन से सीधे गंगा घाट तक ले जाएगा। बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन कराया जाएगा। इस दृष्टि से स्टेशनों की डिजाइन में स्थानीय कला एवं सांस्कृतिक, धर्म-अध्यात्म का समावेश कराया जाना है। परियोजना के राइट ऑफ वे में 16 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जाएगा। इससे संबंधित जिला अधिकारी को आपत्तियां एवं सुझाव लेकर अधिसूचना जारी की जानी है।