- पशु शवदाह गृह बनाने के लिए कंपनी को वर्क आर्डर जारी
- प्रदेश का पहला पशु शवदाह गृह होगा वाराणसी में
- पशु पालकों को इससे मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रदेश का पहला पशु शवदाह गृह बनेगा। जिला पंचायत की ओर से लखनऊ की एक प्रतिष्ठित कंपनी व कार्यदायी एजेंसी सिकान पाल्लूटेक सिस्टमस प्राइवेट लिमिटेड को वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। जिला पंचायत की निगरानी में राजस्व विभाग की टीम ने बुधवार को जमीन पर चूना छिड़ककर मार्किंग भी पूरी कर दी है। वर्क आर्डर के तहत कंपनी को पशु शवदाह गृह का निर्माण तीन माह में पूरा करना है।
पशु शवदाह गृह बनने से पशु पालकों को राहत मिलेगी। वाराणसी में अनुमानत: रोजाना 6 से 7 पशु विभिन्न कारणों से मरते हैं। इनके शव का सम्मान पूर्वक निपटारा करने के लिए योजना तैयार की गई है। जल्द इसपर काम शुरू हो जाएगा।
प्रदूषण मुक्त होगा पशु शवदाह गृह
काशी में सबसे पहले पशु शवदाह गृह का निर्माण होगा। कंपनी से जुड़े लोगों का कहना है गोरखपुर, अयोध्या में पशु शवदाह गृह निर्माण होना है। अधिकारियों का कहना है कि, पशु शवदाह संयत्र पूरी तरह बिजली व गैस पर आधारित होगा। बिजली न रहने पर जनरेटर की भी व्यवस्था रहेगी। लगभग 75 केवीए का जनरेटर भी होगा। 400 किलो प्रतिघंटा इस संयत्र के डिस्पोजल की क्षमता है। इस संयत्र में एक दिन में दस पशु डिस्पोजल हो सकेंगे। चिमनी भी लगेगी। पूरी तरफ से प्रदूषण मुक्त संयंत्र होगा। डिस्पोजल की राख खेतों में खाद के रूप में इस्तेमाल हो सकेगी।
पशु शवदाह गृह बनाने में कुल 2 करोड़ 24 लाख रुपये खर्च होंगे
पशुपालन विभाग के गणना के तहत जिले में पशुओं की संख्या पांच लाख से अधिक है। इसमें गाय-भैस दोनों शामिल है। जिले में 113 पशु आश्रय स्थल है। इसमें दस हजार से अधिक पशु हैं। पशुओं के मौत का कोई आंकड़ा नहीं पर अनुमानत: जिले में प्रतिदिन छह से सात पशु विभिन्न कारणों से मरते हैं। एक पशु का वजन लगभग ढाई सौ से 400 किलो होता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी मिलने के बाद विधान परिषद चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही इस कंपनी को टेंडर हुआ था। पशु शवदाह गृह निर्माण के लिए 0.1180 हेक्टेयर जमीन को जिला प्रशासन की ओर से चिह्नित किया गया है। इस पर कुल दो करोड़ 24 लाख रुपये खर्च होंगे।