- फुलवरिया फोरलेन और पिसौल पुल के बीच नदी पर बनेगा पुल
- फिलहाल कुछ गांव के लोग बांस-बल्ली के सहारे नदी के ऊपर से आवागमन कर रहे
- बारिश होने के बाद नदी का जलस्तर बढ़ने पर बांस-बल्ली का बना पुल बह जाता है
Varanasi Varuna River Bridge: वाराणसी की 75 हजार आबादी को बहुत जल्द आवागमन की सुविधा मिलने वाली है। वरुणा नदी पर एक और पुल निर्माण को लेकर डीपीआर भी बना ली गई है। अब अगले सप्ताह इसे शासन को भेजा जाएगा। शासन से डीपीआर मंजूर होने के बाद पुल निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। बता दें, यह पुल फुलवरिया फोरलेन और पिसौरपुल के बीच वरुणा नदी पर बनाया जाना है।
इस पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद लोगों को नदी के एक से दूसरे छोर जाने में बेहद सुविधा होगी। गौरतलब है कि, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने पुल निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर राजकीय सेतु निगम को भेजा था, जिसके बाद निगम ने पुल निर्माण का डीपीआर बनाया। इसके निर्माण पर कुल 9.17 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
ग्रामीणों को काफी घूमकर जाना पड़ रहा
वर्तमान में कई गांव के लोगों ने मिलकर नदी पर बांस और बल्ली को जोड़कर पुल बनाया है। इसी पुल के माध्यम से लोगों का आना-जाना हो रहा है, लेकिन बारिश होने पर नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद यह पुल नदी में बह जाता है। इसके बाद लोगों को काफी घूमकर कहीं आना-जाना करना पड़ता है। इस पुल के निर्माण के अलावा फुलवरिया फोरलेन के बनने से भी इस क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी।
यह गांव होंगे लाभान्वित
भवानीपुर, दनियालपुर, तरना, हरहुआ, फुलवरिया, महेशपुर, चंदनपुर, केराकतपुर, खरका, गंगापुर कॉलोनी, आजाद नगर, भीम नगर, इंद्रपुर, कादीपुर, शिवपुर, कोटवां, तरैया, पिसौर,श्यान नगर आदि गांव के लोगों को वरुणा नदी पर नए पुल के बनने से सीधा लाभ होगा। बता दें, जिले में वरुणा नदी पर अब तक 11 पुल बन चुके हैं। इनमें कोनिया, पुराना पुल, नक्खी घाट, चौका घाट, कचहरी पर दो, फुलवरिया फोरलेन, पिसौर, रामेश्वर औश्र कालिका धाम शामिल हैं।
वरुणा पर अब तक बन चुके हैं 11 पुल
जिले में वरुणा नदी पर अब तक 11 पुल बन चुके हैं। कोनिया, पुराना पुल, नक्खी घाट, चौका घाट, कचहरी पर दो, फुलवरिया फोरलेन, पिसौर, रामेश्वर और कालिका धाम पर पुल बना है।
79.88 मीटर लंबा होगा पुल
इस बारे में सेतु निगम के सहायक अभियंता एके सिंह का कहना है कि, वरुणा नदी में दनियालपुर-फुलवरिया रूट पर पुल बनाया जाना है। इसकी लंबाई 79.88 मीटर हेगी। कुछ विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना है। शासन को अगले सप्ताह डीपीआर भेज दिया गया है।