- छात्र ने विश्वेश्वरैया हॉस्टल के कमरे में फंदे पर झूलकर दी जान
- छात्र के फैसले से परिजन और दोस्त सदमें में
- हाथरस का रहने वाला था छात्र
Varanasi Crime News: वाराणसी के बीएचयू आईआईटी के एमटेक छात्र भगवान सिंह (28) ने विश्वेश्वरैया हॉस्टल के कमरे में फंदे पर लटककर जान दे दी। लंका पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने छानबीन करने के बाद शव को कब्जे में लिया है। छात्र के इस कठोर फैसले से परिजन और दोस्त सदमे में हैं। पुलिस के अनुसार, पूछताछ में सामने आया कि, प्लेसमेंट नहीं होने से छात्र अवसाद में चला गया था। बता दें कि, पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, हाथरस के हसायन थाना अंतर्गत पिछौती गांव निवासी भगवान सिंह बीएचयू आईआईटी से एमटेक (मैकेनिकल) द्वितीय वर्ष का छात्र था। वह विश्वेश्वरैया छात्रावास के कमरा संख्या 228 में रहा करता था। बता दें कि, सुबह कुछ देर के लिए वह कमरे से निकला और फिर कमरे में लौट गया। इसके बाद वह कमरे से बाहर ही नहीं निकला।
दरवाजा न खुलने पर छात्रों ने दी वार्डन को सूचना
मिली जानकारी के अनुसार, छात्र के दिखाई न देने पर कुछ दोस्तों ने उसके मोबाइल पर कॉल किया तो उठा नहीं। इसके बाद शाम को भी बगल के दोस्तों ने उसका दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिल सका। दोस्तों को लगा कि, वह सो रहा होगा। रात के समय खाना खाने के लिए दोस्तों ने फिर दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला तो दोस्त सशंकित हो गए। छात्रों ने इसकी सूचना हॉस्टल के वार्डन को दी। बता दें कि, वार्डन की सूचना पर लंका थाने की बीएचयू चौकी की पुलिस पहुंची और दरवाजा तोड़ा तो पंखे की कुंडी में रस्सी के सहारे भगवान लटका हुआ मिला। इसके बाद फॉरेंसिक टीम ने भी कमरे की पूरी तरह छानबीन की। उसका मोबाइल और लैपटॉप को फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य के तौर पर अपने कब्जे में लिया।
जवान बेटे की लाश देखकर परिजन बेसुध
जानकारी के लिए बता दें कि, वार्डन की सूचना पाकर हाथरस से परिजन भी पहुंच गए। लंका इंस्पेक्टर वेद प्रकाश राय ने बताया है कि, अब तक की तफ्तीश में सामने आया कि, छात्र अवसाद में था और प्लेसमेंट को लेकर चिंतित रहा करता था। फोन और लैपटॉप को फॉरेंसिक टीम ने जांच के लिए अपने साथ ले गई है। जांच पूरी होने के बाद ही मामले में कुछ कहा जा सकता है। इधर जवान बेटे का शव देखते ही पिता कृष्ण कुमार और बड़ा भाई सत्येंद्र बेसुध हो गए। साथ आए परिजनों और छात्रों ने किसी तरह पिता व भाई को ढांढस बंधाने की कोशिश की। पिता के अनुसार एक दिन पहले ही बेटे भगवान से बात हुई थी। अगले दिन उसने फोन ही नहीं उठाया।