- काशी धाम के गर्भगृह के बाद अब बाहरी दीवारों पर भी सोना मढ़ा जा रहा है
- जल्द ही बाबा के गर्भगृह की बाहरी दीवारें भी सुनहरी आभा से निखरी नजर आएंगी
- गर्भगृह की भीतर की दीवारों पर सोना पहले ही मढ़ा जा चुका है
Kashi Vishwanasth Dham: श्री काशी विश्वनाथ धाम के गर्भगृह के बाद अब बाहरी दीवारों पर भी सोना मढ़ा जा रहा है। जल्द ही बाहरी दीवारें भी स्वर्णमयी आभा से युक्त हो जाएंगी और काशी विश्वनाथ धाम में स्वर्ण आभा चांदनी रात में बिखर जाएगी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को दिव्य और भव्य कॉरीडोर के जरिए बनाने के बाद बाबा धाम के गर्भगृह को भी सोने के पत्थरों से मढ़ दिया गया है। अब बाबा धाम में गर्भगृह के बाहरी परिक्षेत्र को भी सोने से मढ़ने की तैयारी शुरू हो गई है।
काशी विश्वनाथ परिसर में दो शिफ्ट में कारीगरों का दस सदस्यीय दल कार्य में जुट गया है। तीन दिनों में बांस-बल्ली बांधने के साथ बेस तैयार किया गया है। अब सांचे के साथ ही एक-एक दीवार का आमाप लेने के बाद बाबा धाम के बाहरी दीवारों को भी सोने से मढ़ दिया जाएगा। इसी के साथ बाबा धाम के कायाकल्प का कार्य पूर्ण हो जाएगा।
श्री काशी विश्वनाथ धाम की भारी सफाई शुरू
श्री काशी विश्वनाथ धाम का नव्य भव्य परिसर सामने आने के बाद जल्द ही बाबा के गर्भगृह की बाहरी दीवारें भी सुनहरी आभा से निखरी नजर आएंगी। इसके लिए पत्थरों की सफाई शुरू कर दी गई है। इसके लिए दो शिफ्ट में दस कारीगर लगाए गए हैं। बांस-बल्लियों से पाइटिंग का कार्य सोमवार दोपहर पूरा कर लिया गया। पत्थरों की सफाई होने के साथ ही स्वर्ण पत्तरों की मढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। गर्भगृह की भीतर की दीवारों पर सोना पहले ही मढ़ा जा चुका है। महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं ने सुनहरे गर्भगृह में ही बाबा का दर्शन-पूजन व अभिषेक किया था।
दिल्ली की ये संस्था सोने से मढ़ रही है मंदिर परिसर
सोना मढ़ रही नई दिल्ली की संस्था महालक्ष्मी अंबा ज्वेलर्स के मुकुंदलाल के अनुसार, तीन चरणों में कार्य किया जा रहा है। इसमें पहले प्लास्टिक के सांचे बनाए गए। उसके आधार पर तांबे के सांचे तैयार करने का कार्य अंतिम दौर में है। एक दो दिन में सोना मढ़ाई का कार्य शुरू हो जाएगा। इसमें बाहरी दीवारों के साथ ही चौखट पर भी सोना लगाया जाएगा। गर्भगृह की भीतरी दीवारें को स्वर्णमंडित करने में 45 दिन लगे थे। इसके लिए सोना एक दानदाता की ओर से प्रदान किया गया है।