- वाराणसी में अमृत व्यर्थ बहाना पड़ेगा भारी, देना होगा हिसाब
- वाराणसी के कारोबारियों को जलदोहन का देना होगा हिसाब
- जलदोहन करने वालों के खिलाफ भूगर्भ जल विभाग का नोटिस
Varanasi Notice for Water: भीषण गर्मी और मई जून का महीना, इस महीने में भूगर्भ जल स्तर का नीचे जाना तय माना जा रहा है। बिजली संकट के साथ पेयजल की भी समस्या को नकारा नहीं जा सकता है। हाल ही, में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से जारी निर्देश के क्रम में भूमिगत जल को अति दोहन रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और उनकी पूरी मशीनरी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। बनारस शहर से गांव की तरफ और गांव के लोगों को इस समस्या से सावधान रहने के लिए कहा जा रहा है। वहीं जमीन के अंदर पड़े हुए जल का दोहन करने वालों को अधिकारिक रूप से चेतावनी भी दी जा रही है।
भूगर्भ जल विभाग की ओर से जिले में 150 से अधिक होटल, शादी मंडप, पानी भरने के प्लांट और कारखानों को नोटिस भेज दिया गया है, और उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि, बिना सरकारी एनओसी के भूगर्भ जल दोहन को लेकर के बोरिंग करना या बोरवेल बंद कराने के साथ लाखों रुपए तक हर्जाना भी किया जा सकता है, और उसके साथ दंडात्मक कार्रवाई यानी जेल भी हो सकती है इस प्रावधान के अंतर्गत 2 वर्ष का जेल का प्रावधान है।
5 साल तक करने होंगे पैसा जमा
भूगर्भ जल विभाग ऑनलाइन मॉनिटरिंग करेगा और अध्यक्ष की संस्तुति पर एनओसी जारी होगी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद का गठन पहले ही हो चुका है, सदस्य सचिव सीडीओ व सदस्य के रूप में भूगर्भ जल विभाग कृषि विभाग जल निगम प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड व विकास प्राधिकरण विभाग के अधिकारी इस टीम में शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, बोरिंग पर टेलिमेटरी के साथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लोमीटर इस दोनों तरह के मशीन भी लगेगी इसे अब पता चलेगा कि, कितने भूगर्भ जल का दोहन हो रहा है। कई तरह की जांच के बाद रोज के जल दोहन का हिसाब निकाला जाएगा अगर क्रिटिकल जोन में कारोबार या व्यवसाय नहीं है, तो एक रुपए 10 पैसा नहीं तो 60 पैसा प्रति हजार लीटर की दर से 5 साल तक पैसा जमा करना होगा।
वेबसाइट या निवेश मित्र पोर्टल पर किया जा सकता है आवेदन
एनओसी के लिए आवेदन करते समय भूगर्भ जल विभाग इसकी बाकायदा जांच करेगा। सभी जांच करने के बाद एनओसी मिलेगी टेलीमेट्री के जरिए इस पर निगरानी भूगर्भ जल विभाग करता रहेगा, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगवाना अनिवार्य होगा, किसान व पीने के पानी निकासी करने वालों को एनओसी की जरूरत नहीं है। कारोबारियों को एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा विभाग की वेबसाइट या निवेश मित्र पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, अब तक लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों ने एनओसी ले ली है, इसमें से कई बड़े होटल भी शामिल हैं।
दो ब्लॉक की स्थिति बहुत ही नाजुक
जिले के हरहुआ गांव व आराजी लाइन ब्लॉक में भूगर्भ जल का सर्वाधिक दोहन हो रहा है दोनों ब्लॉकों को अंतिम श्रेणी में शामिल कर लिया गया है हालांकि मनरेगा में तालाबों की खुदाई आदि की वजह से पिंडरा ब्लाक क्रिटिकल से निकलकर सेमी क्रिटिकल जोन में आ चुका है, जिले के लिए खुशखबरी यह है कि वर्ष 2017 से 2020 तक की रिपोर्ट में भूगर भूगर्भ जल में सुधार आया है।
भूगर्भ जल बचाने के लिए जिलाधिकारी का बयान
कौशल शर्मा ने कहा कि, पानी बचाने को लेकर जिले में बड़ा अभियान चलेगा जिसमें सामाजिक संस्थाओं जन जन को जोड़ा जाएगा पानी को बर्बादी ना हो इसके लिए सभी को मिशन के तौर पर जुड़ना होगा अगर अभी नहीं समझ पाते हैं तो लोगों को पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ेगा, जनता को इसके लिए आगे आना होगा सभी को संकल्प लेना होगा कि पानी की बर्बादी ना हो भूगर्भ जल कैसे रुका रहे यह सभी को समझ लेना चाहिए व्यापारी वर्ग को नोटिस दिया गया है और आने वाले समय में बहुत लोग को नोटिस दिया जाएगा। और उन्हें यह भी प्रेरित किया जा रहा है कि अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए एनओसी लेने के साथ वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था कर ले पानी का जितना प्रयोग करेंगे उतना बचाना भी जरूरी होगा।