- गंगा आरती के समय घाटों के सामने नहीं खड़ी होंगी नाव
- चप्पू वाली नाव पर प्रतिबंध से नाविकों के सामने जीविका की समस्या
- क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने पर सीज कर दी जाएगी नाव
Varanasi News: वाराणसी में गंगा में नाव हादसे रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से नाविकों को सख्त दिशानिर्देश दिए गए हैं। इसके तहत जहां गंगा में चप्पू वाली नाव को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं मोटरबोट वाली नाव का संचालन ही सिर्फ मान्य है। बता दें कि गंगा आरती के समय घाटों के सामने नाव खड़ी करने पर भी रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही सूर्यास्त के बाद नौकायन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बता दें कि इसके संबंध में सभी एसडीएम, तहसीलदार को गंगा किनारे के गांवों की सूची बनाने के लिए डीएम ने निर्देश जारी किया है। लेखपाल, ग्राम प्रधानों, सचिव को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि नाविकों को गाइडलाइन के बारे में पूरी जानकारी दें। एडीएम एफ संजय कुमार ने बताया है कि, क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने पर नाव को सीज कर दिया जाएगा साथ ही जुर्माना भी वसूला जाएगा।
डीएम ने दिखाई सख्ती
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की ओर से सभी नाविकों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। निर्देश मिले हैं कि, पुरानी नाव को अधिक रफ्तार से न चलाया जाए। छोटी नाव का परिचालन बंद करें। नाव में यात्रियों की ओर से किसी भी तरह का शोर-शराबा और अनावश्यक स्थिति परिवर्तन आदि नहीं करने देना है। नशे की हालत में नौकायन नहीं करें और न ही किसी को नशे की हालत में नाव में बैठाएं।
आवश्यक मोबाइल नंबर जारी
नई गाइडलाइन में ये कहा गया है कि, नाव की लकड़ी अगर कहीं टूटी या क्षतिग्रस्त हो तो उसकी मरम्मत करवा लें। नाव की पतवार मजबूत होनी चाहिए। नाव में बैठने वाले व्यक्तियों की अधिकतम संख्या नाव पर प्रदर्शित करनी होगी। नाव पर लाइफ जैकेट, टॉर्च, रस्सी, लंगर, बांस की लग्गी, हवा भरे ट्यूब और सुरक्षा के अन्य संसाधन भी होने चाहिए। नाव को नदी की मुख्य धारा में नहीं लेकर जाना है। गाइडलाइन में कहा गया है कि, नाव पर गोताखोरों, एनडीआरएफ 8004931410, आपदा विशेषज्ञ 9140037137 और प्रशासनिक अधिकारियों का मोबाइल नंबर सभी नाविकों को अपने पास रखना होगा।