- अप्रैल 2022 में कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया
- मुस्लिम समुदाय मस्जिद में सर्वे कराए जाने के कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहा है,
- हिंदू पक्षकारों का कहना है कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कराया
Gyanvapi complex row: ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने के लिए कोर्ट की ओर से नियुक्त टीम वहां पहुंच गई है। मुस्लि समाज के विरोध को देखते हुए मस्जिद परिसर में पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है। टीम के साथ वीडियोग्राफी टीम भी मौजूद है। मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि कोर्ट के आदेश में सर्वे की बात नहीं की गई है। मुस्लिम मौलवी ने पहले कहा था कि वह सर्वे का विरोध करेंगे लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे लेकिन वह अदालत के फैसले से खुश नहीं है और इसलिए वे अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे।
माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई
शुक्रवार को जुमे की नमाज पढ़ने के लिए बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंचे थे। गेट नंबर चार पर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे। कुछ समय पहले यहां माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई लेकिन पुलिस ने उसे नियंत्रण कर लिया। हिंदू पक्ष का कहना है कि गौरी श्रृंगार का चबूतरा मस्जिद परिसर के भीतर है और मस्जिद की दीवार से इसे छिपाया गया है। कोर्ट चाहता है कि सच्चाई सामने आए, इसलिए वीडियोग्राफी का आदेश दिया गया है।
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नारेबाजी की
सर्वे टीम के पहुंचने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नारेबाजी की। सर्वे के दौरान कानून-व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए ज्ञानवापी परिसर के बाहर 3 लेयर की सुरक्षा है। ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी हुई है। वीडियोग्राफी के मुद्दे पर मस्जिद पक्षकार और संत समिति आमने - सामने हैं। संत समिति के लगों का कहना है कि मुस्लिम पक्ष विरोध इसलिए कर रही है क्योंकि मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनी है और सर्वे होने से इसका सच दुनिया के सामने आ जाएगा।
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करीब 30 साल पुराना मामला
हिंदू पक्ष के एक वर्ग का मानना है कि बनारस में औरंगजेब ने काशी विश्वानाथ मंदिर को तोड़कर और उसके अवशेषों के जरिए ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कराया था। यह करीब 30 साल पुराना मामला है, जब साल 1991 में पुजारियों के समूह ने बनारस की कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में पूजा करने की अनुमति मांगी थी।