- केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने विपक्ष पर लगाया नागरिकता कानून के खिलाफ जनता को भड़काने का आरोप
- कहा- पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू भारत नहीं आएंगे तो क्या इटली जाएंगे
- उन्होंने साफ करते हुए कहा कि किसी भी तरह के दबाव में आकर नागरिकता कानून वापस नहीं लिया जाएगा।
वाराणसी : केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर सताए जाने वाले हिंदू स्वाभाविक तौर पर भारत आएंगे, वे इटली नहीं जाएंगे। नागरिकता बिल के खिलाफ देश भर विरोध प्रदर्शन करने वालों को भी उन्होंने कहा कि आप क्यों विरोध कर रहे हैं? आप किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं? अगर बांग्लादेश, पाकिस्तान से हिंदू भारत नहीं आएंगे तो वे कहां जाएंगे, इटली? सिख इटली नहीं जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उन्हें शरण दें और उन्हें नागरिकता प्रदान करें। बता दें कि पिछले साल 12 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) संसद से पास किए जाने के बाद इसके खिलाफ देशभर में विरोध हो रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत में इसके खिलाफ में लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। इस दौरान कई जगहों से हिंसा की भी खबरें आई।
गौरतलब है कि सीएए कानून 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हुए अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, जैन पारसी, बुद्धिष्ठ, ईसाई) को भारत में शरण देगा और उन्हें नागरकिता प्रदान करेगा।
बता दें कि दो दिवसीय वाराणसी के दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी वाराणसी सर्किट हाउस में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के ऊपर सीएए कानून के खिलाफ जनता में भ्रम फैलाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को भड़काने का काम कर रही है और हिंसक प्रदर्शन के लिए भी उकसा रही है। यह कानून किसी के भी खिलाफ नहीं है और इसे किसी भी दबाव में वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सीएए को लेकर विपक्ष का व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना है।
सरकार इस बारे में जानती है लेकिन जनता को भी सरकार के रवैये पर भरोसा करना होगा और देश के हित के लिए किए जा रहे कार्यों को समझना होगा। उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि ये देश के किसी भी नागरिक के खिलाफ नहीं है।