- एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन के जवानों ने युवकों की बचाई जान
- दशाश्वमेध घाट से बटालियन के इंस्पेक्टर विनीत सिंह अपनी टीम के साथ रूटीन गश्त पर थे
- टीम ने नदी में छलांग लगाकर दोनों युवकों को बचाया
Varanasi NDRF: दिल्ली से वाराणसी गंगा घाट पर स्नान करने आए दो युवक मंगलवार की सुबह नदी में डूबने लगे। लोगों ने जब शोर मचाया तो रूटीन गश्त पर निकले एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर विनीत सिंह और उनकी टीम घटनास्थल पर पहुंची। जवानों ने नदी में छलांग लगाई और डूब रहे दोनों युवकों को बाहर निकाला। इन दोनों युवकों ने भविष्य में नदी में ऐसी लापरवाही नहीं करने की बात कही।
दरअसल, एनडीआरएफ के जवान दशाश्वमेध घाट पर गश्त लगा रहे थे, तभी लोगों का शोर सुनाई दिया। इसके बाद जवानों ने दोनों युवकों की जान बचाई। दिल्ली से आए बिट्टू ने बताया कि वह विकास के साथ बनारस पूजा और घूमने के लिए आया है। घाटों पर योगाभ्यास की वजह से भीड़ बहुत अधिक होने पर वह नाव लेकर दूसरे छोर पर चला गया और नहाने के दौरान गहरे पानी में चला गया।
तैरक नहीं हैं तो गहरे पानी से रहें दूर
एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन के इंस्पेक्टर विनीत सिंह का कहना है कि हमें नदी या किसी भी जलाशय में स्नान करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। अगर, तैराक नहीं हैं तो बिल्कुल जोखिम न लें और कम पानी में स्नान करें। जोश या किसी के उकसावे में आकर किसी भी नदी या जलाशय के गहरे पानी में नहीं जाना चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही से जिंदगी खत्म हो सकती है। कहा कि यह संयोग अच्छा रहा कि मैं और पूरी टीम गश्त पर थी और लोगों ने इन दोनों युवकों को डूबता देखा। फिर आवाज लगाई और समय रहते हम लोगों ने इन्हें बचा लिया।
पिछले हफ्ते भी तीन युवक डूबे थे
पिछले हफ्ते ही दशाश्वमेध घाट पर स्नान करने के दौरान तीन युवक डूब गए थे। इनमें से एक युवक बिहार के सीवान जिले का था। जबकि दो युवकों में एक आगरा एवं एक अन्य किसी शहर का था। दो युवक यहां कोई प्रतियोगी परीक्षा देने आए थे और गंगा स्नान करने घाट पहुंचे थे। यहां गहरे पानी में चले जाने के कारण डूब गए थे। अगले दिन सुबह तीनों की लाश नदी में तैरते मिली थी।