- जांच के लिए आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया ‘रैपिड किट
- मलेरिया की पुष्टि होते की फौरन शुरू हो सकेगा उपचार
- जून माह को ‘मलेरिया रोधी’ माह के रूप में मना रहे हैं
Malaria Test in Varanasi: बरसात का मौसम आते ही मच्छर जनित बीमारियों में इजाफा होने लगता है। इसी समस्या को देखते हुए वाराणसी में एक नई पहल की गई है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों की जांच अब उनके घर पर भी हो सकेगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करके उन्हें ‘रैपिड किट’ प्रदान किया गया है। ‘दस्तक’ अभियान के दौरान वे लोगों के घर-घर जाएंगी। मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ ही वह मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों की उनके घर पर ही जांच करेंगी, ताकि मलेरिया की पुष्टि होते ही मरीज का फौरन उपचार शुरू हो सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि मच्छर जनित बीमारी मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग जून माह को ‘मलेरिया रोधी’ माह के रूप में मना रहा है। इसके तहत ‘हर रविवार, मच्छरों पर वार’ जैसे जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
वाराणसी में शुरू दस्तक अभियान
स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को मलेरिया से बचाव व त्वरित उपचार के प्रति जागरूक कर रहे हैं। लोगों को मलेरिया की रोकथाम के उपाय बता रहे हैं। दस्तक अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिये गये हैं कि घर-घर जाकर वह मलेरिया से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक तो करेंगी।
आशा कार्यकर्ताओं को दिए गए किट
यदि मलेरिया के लक्षण वाले किसी मरीज की उन्हें जानकारी मिलेगी तो पीड़ित को मलेरिया है या नहीं, इसकी फौरन जांच भी करेंगी। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं में प्रत्येक को 10-10 ‘रैपिड किट’ प्रदान की गई हैं। इस किट के जरिये वह मरीजों की जांच करेंगी। इस बारे में उन्हें प्रशिक्षित भी किया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी शरतचंद्र पांडेय ने बताया कि रैपिड किट से जांच के दौरान किसी व्यक्ति को मलेरिया की पुष्टि होने पर आशा कार्यकर्ता फौरन इसकी जानकारी अपने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को देंगी।