- लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर चल रहा काम
- नई आईएलएस कैटेगरी तीन की है। इसमें जीरो विजिबिलिटी में भी विमान उतर पाएगा
- इस योजना पर चार करोड़ रुपए हो रहे खर्च
Varanasi Airport News: हवाई यात्रियों का सफर अब और सुरक्षित होने वाला है। इसके अलावा उनके समय की भी बचत होगी। इसके लिए नई तकनीक से लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को अपग्रेड किया जा रहा है। ताकि बेहद कम विजिबिलिटी और खराब मौसम में भी विमालों की सुरक्षित लैंडिंग हो सके। यह आईएलएस कैटेगरी तीन का है। इसका मतलब है जीरो विजिबिलिटी की स्थिति में भी कोई भी विमान यहां सुरक्षित उतर सकेगा।
रनवे पर लगी लाइटिंग कैटेगरी एक की दूरी 420 मीटर है। वहीं कैटेगरी तीन की दूरी 900 मीटर दिखेगा। इस कार्य को पूरा कराने के लिए चार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। बता दें इस एयरपोर्ट के रनवे पर 2006 में कैटेगरी एक का आईएलएस इंस्टॉल हुआ था। इसकी वैलिडिटी इस जुलाई में खत्म हो जाएगी।
जून में पूरा हो जाएगा यह काम
इस नई तकनीक के आईएलएस के इंस्टॉलेशन का काम जून में पूरा हो जाएगा। अप्रैल महीने में काम शुरू करवाया गया था। एयरपोर्ट अधिकारी का कहना है कि नागर विमानन मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर 107 एकड़ जमीन मांगी है। एयरक्राफ्ट की सुरक्षित लैंडिंग में इस उपकरण की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। इसका उपयोग खराब मौसम में बढ़ जाएगा।
पांच सदस्यीय टीम दिल्ली से आई
आईएलएस उपकरण को इंस्टॉल करने के लिए भारतीय विमान पतन प्राधिकरण नई दिल्ली से पांच सदस्यीय टीम आई है। यह टीम वाराणसी एयरपोर्ट पर आईएलएस का इंस्टॉलेशन का काम कर रही है। टीम का नेतृत्व कर रहे प्राधिकरण की दिल्ली इकाई के सहायक महाप्रबंधक दिलीप शाह का कहना है कि जून के पहले हफ्ते में ही आईएलएस का इंस्टॉलेशन पूरा कर लिया जाएगा। कहा कि मौसम खराब नहीं हुआ तो उक्त समय तक आईएलएस इंस्टॉल हो जाएगा। इसके बाद टेस्टिंग एवं हवाई परीक्षण कर प्रचालन में लाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।