वाराणसी : देव दीपावली महोत्सव के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आध्यात्म, पर्यटन, किसान और वंशवादी राजनीति सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। इस मौके पर पीएम ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत देश में और देश के बाहर राष्ट्र विरोधी तत्वों को करारा जवाब दे रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश विस्तारवादी सोच रखने वाली ताकतों, घुसपैठ करने वाले तत्वों और भारत से भारत को अलग करने की सोच रखने वाले लोगों को करारा जवाब दे रहा है।
वाराणसी के घाट पर लाखों जगमग दीयों के बीच पीएम ने देवी अन्नापूर्णा देवी की प्राचीन मूर्ति का भी उल्लेख किया। इस मूर्ति को वाराणसी के एक मंदिर से चोरी कर साल 1913 में देश के बाहर बेच दिया गया था। अब इस मूर्ति को कनाडा से वापस भारत लाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'काशी के लिए एक और खास मौका आया है। 100 साल पहले चुराई गई माता अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस काशी आ रही है। माता अन्नपूर्णा अपने घर दोबारा वापस आ रही हैं। यह काशी के लिए काफी सौभाग्य की बात है।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देवी और देविताओं की प्राचीन मूर्तियां हमारी आस्था एवं अमूल्य विरासत की प्रतीक हैं। इस तरह के प्रयास यदि पहले हुए होते तो चुराई गईं प्राचीन मूर्तियां देश में वापस आ गई होतीं लेकिन कुछ लोग अलग तरीके से सोचते हैं।
उन्होंने कहा, 'हमारे लिए विरासत देश की विरासत है जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब उनका अपना परिवार है। हमारे लिए विरासत हमारी संस्कृति, हमारी आस्था और हमारे मूल्य हैं। उनके लिए विरासत का मतलब अपने परिवार की तस्वीरें एवं मूर्तियां हैं।'
प्रधानमंत्री ने गुरु पर्व पर गुरुनानक देव को भी याद करते हुए कहा, 'गुरु नानक देव जी ने तो अपना पूरा जीवन ही गरीब शोषित वंचित की सेवा में समर्पित किया था। काशी का तो गुरु नानक देव जी से भी संबंध रहा है। उन्होंने एक लंबा समय काशी में व्यतीत किया था। काशी का गुरूबाग गुरुद्वारा तो उस ऐतिहासिक पल का साथी है, जब गुरु नानक जी यहां पधारे थे और काशी वासियों को नई राह दिखाई थी।'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री का काशी आगमन ऐसे समय में हो रहा है जब यह देश अनेक उपलब्धियों को लेकर गौरव की अनुभूति कर रहा है।
वाराणसी पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने खजूरी गांव में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-दो के हण्डिया-राजा तालाब खण्ड का छह-लेन चौड़ीकरण कार्य को राष्ट्र को समर्पित किया। कोविड-19 महामारी के बीच पीएम पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र आए। हण्डिया-राजा तालाब मार्ग का चौड़ीकरण एक बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है, जो दो प्राचीनतम एवं पवित्र नगरों-प्रयाग (प्रयागराज) तथा काशी (वाराणसी) को आपस में जोड़ती है। यह राजमार्ग स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना-एक (दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर) का भी प्रमुख भाग है।