नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम में काम कर रहे लोगों के लिए जूट से बने 100 जोड़ी जूते भेजे हैं, उन्हें यह पता चला था कि धाम में ज्यादातर लोग नंगे पैर काम करते हैं क्योंकि मंदिर परिसर में चमड़े या रबड़ के जूते पहनने की मनाही है।
सरकार के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि जिन लोगों के लिए जूते भेजे गए हैं उनमें पुजारी, सेवा करने वाले लोग, सुरक्षा कर्मी, सफाई कर्मी और अन्य लोग शामिल हैं।
मोदी ने जूट के जूते खरीदे और धाम में भेजे ताकि वहां ड्यूटी कर रहे लोगों को कड़ाके की ठंड में नंगे पैर न रहना पड़े।
एक सूत्र ने बताया, 'प्रधानमंत्री मोदी का काशी विश्वनाथ धाम से गहरा जुड़ाव रहा है और वे वाराणसी में सभी मुद्दों तथा घटनाक्रम पर नजर रखते हैं। छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने तथा गरीबों के प्रति उनकी चिंता का यह एक और उदाहरण है।' मोदी ने पिछले महीने धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया था जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का विस्तार और उसका सौंदर्यीकरण शामिल है।
काशी विश्वनाथ कॉरीडोर' बनाने वाले कारीगरों पर पीएम ने अपने हाथों से फूल बरसाकर जताया था आभार
गौर हो कि पिछल महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया था परियोजना का उद्घाटन करने के साथ-साथ, प्रधान मंत्री मोदी ने 2,500 निर्माण कारीगरों और शिल्पकारों के साथ दोपहर का भोजन (PM Modi Lunch) किया था जिन्होंने पुराने मंदिर को एक नया रूप देने के लिए सावधानीपूर्वक काम किया।
इनकी मेहनत से ये भव्य कारीडोर तैयार हुआ है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिनके साथ लंच किया है वो सभी लोग काशी विश्वनाथ मंदिर के विशाल स्वरूप के निर्माण के लिए दिन-रात काम में लगे रहे जिनकी मेहनत से ये भव्य कारीडोर तैयार हुआ है। ये वो निर्माण श्रमिक और शिल्पकार हैं जिन्होंने पुराने मंदिर को एक नया रूप देने के लिए सावधानीपूर्वक काम किया, देश के प्रधानमंत्री के साथ खाना खाते वक्त ये लोग बेहद खुश नजर आए थे।