- ड्राइंग-डिजाइन व डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने से निर्माण के लिए कंपनी चयन और हैंडओवर प्रक्रिया की जिम्मेदारी कंसल्टेंट फर्म के पास होगी
- इस पद्धति का इस्तेमाल पीडब्ल्यूडी 50 करोड़ से अधिक तक के भवनों के निर्माण में कर चुका है
- कंसल्टेंट चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी
Varanasi Road Construction: विश्व स्तरीय कंसल्टेंट वाराणसी में गंगा पार रेती के पर्यटन विकास का खाका खीचेंगे। पीडब्ल्यूडी की यह पहली सड़क परियोजना होगी, जिसमें ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) पद्धति से काम होगा। ड्राइंग-डिजाइन एवं डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने से लेकर निर्माण के लिए कंपनी चयन और हैंडओवर प्रक्रिया तक की जिम्मेदारी कंसल्टेंट फर्म के पास होगी।
अब तक इस पद्धति का इस्तेमाल पीडब्ल्यूडी 50 करोड़ रुपए से अधिक तक के भवनों के निर्माण में करता रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण एवं सुंदरीकरण परियोजना में भी इसी पद्धति से काम किया गया। इससे प्रोजेक्ट 18 माह में लोकार्पित हो जाएगा।
शासन से मांगी गई है अनुमति
गंगा पार सड़क परियोजना में अब ईपीसी के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। वैसे इस पर मौखिक सहमति पहले भी बन चुकी है। ऐसे में कागजी कार्रवाई पूरी होते ही कंसल्टेंट चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। गंगा पार रेती में राजघाट से सामने घाट तक 8.15 किलोमीटर की सर्विस रोड समेत फोरलेन सड़क बनानी है।
बाढ़ का पानी सड़क पर नहीं चढ़ सकेगा
यह सड़क सात मीटर ऊंची होगी। जो बंधी का भी काम करेगा, जिससे बाढ़ का पानी सड़क पर न चढ़ सके। फोरलेन से ही श्रीकाशी विश्वनाथ धाम तक सस्पेंशन पुल भी बनाया जाएगा। इससे श्रद्धालु सीधे बाबा के धाम आ सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए इस बजट में 2375 करोड़ रुपए का प्रावधान हुआ है।
जलासेन घाट पर लिफ्ट से उतरेंगे श्रद्धालु
कंसल्टेंट द्वारा इस प्रोजेक्ट की अंतिम तस्वीर स्पष्ट की जाएगी, लेकिन विभाग द्वारा खींचे गए खाके में पैदल पुल को दो लेन में पांच मीटर तक चौड़ा रखने का विचार है। इसमें चार पिलर होंगे। एक जलासेन घाट पर दो मध्य गंगा में और चौथा उस पार रेती में फोरलेन के पास होगा। पुल को केबल से बैलेंस किया जाएगा। दोनों ओर उतरने के लिए लिफ्ट लगाई जाएगी। पिछले महीने मुख्य अभियंता संजय तिवारी के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग का दल टिहरी एवं ऋषिकेश में ऐस पुल देखकर आया है।