वाराणसी: गंगा नदी में वाटर-वे के माध्यम से पर्यटन और उद्योग जगत को पंख लगते नजर आ रहे हैं। जब इस प्रोजेक्ट की घोषणा हुई थी तब भले ही यह एक सपना लग रहा हो, लेकिन अब काशी के लोग इस सपने को पूरा होते देख रहे हैं। मंगलवार को 100 लोगों के बैठने की क्षमता वाला क्रूज गाजीपुर पहुंचा तो लोग देखते रह गए। गंगा के पानी के बीच इस क्रूज को देखने वाले उत्साहित थे।
इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग ने 30 नवंबर को गोवा से क्रूज ले जाने की अनुमति दी थी। तब ही यह क्रूज वाराणसी के लिए रवाना हुआ था। इस क्रूज को हल्दिया के रास्ते गंगा में उतारा गया था जोकि वाराणसी के अस्सी घाट तक आना तय हुआ था। बनारस में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई गंगा में क्रूज संचालन की योजनाएं तेज की जा रही हैं। इस क्रूज में 100 पर्यटकों के बैठने की क्षमता है। इसमें एक मंजिल वातानुकूलित और ऊपरी मंजिल खुली होगी।
अस्सी घाट से होगी सवारी
एमवी फेरी जहाज का संचालन काशी के अस्सी घाट से होगा। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण करने के साथ गंगा घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। अस्सी घाट पर इसका टिकट काउंटर बनकर तैयार भी हो चुका है। सोमवार को गोवा से क्रूज रवाना हो गया और करीब 20 दिन में बनारस पहुंच जाएगा। मौजूदा समय में अलकनंदा क्रूज का संचालन हो रहा है और विवेकानंद रो-रो (रोल आन रोल ऑफ) क्रूज भी गंगा की लहरों पर चलने को बेकरार है।
प्रधानमंत्री मोदी का है प्रोजेक्ट
गंगा की लहरों पर क्रूज की सवारी का प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजक्ट हैं। पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद हैं और वह यहां पर्यटन के विकास की तमाम संभावनाओं को विकसित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद ही उन्होंने इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी और धीरे धीरे यह धरातल पर उतरने लगा है।