- मंडलीय अस्पताल में कोरोना और जीका वायरस के अलावा कई जांच होंगी
- हवा में संक्रमण फैलाने वाले वायरस की लैब में होगी जांच
- मंडलीय अस्पताल में जीनोम सिक्वेंसिंग की भी मिलेगी सुविधा
Varanasi Zika Virus: वाराणसी में बहुत ही जल्द बायोसेफ्टी (बीएसएल) लैब-3 की शुरुआत होने जा रही है। इस लैब की स्थापना मंडलीय अस्पताल में की जाएगी। इसके लिए जगह चिह्नित भी कर ली गई है। इस अत्याधुनिक लैब में कोरोना के अलावा जीका वायरस, स्क्रब टाइफस, इबोला समेत हवा में उड़ने वाले अन्य वायरस की भी जांच की जाएगी। लैब की स्थापना के लिए शासन के स्तर से सिर्फ आदेश जारी हुआ है। इसकी स्थापना के लिए फंड जारी नहीं किया गया है। न ही अनुमानित लागत बताई गई है। ऐसे में टेंडर की प्रक्रिया अभी फंसी है।
बता दें, लैब में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा रहेगी। वाराणसी में फिलहाल बीएसएल लैब-2 ही है। इनमें एक बीएचयू और दूसरा मंडलीय अस्पताल में है। अब शासन ने वाराणसी में बीएसएल लैब-3 की स्थापना करने का निर्णय लिया है।
दवा वितरण केंद्र के ऊपर बनेगी लैब
शासन की ओर से मंडलीय अस्पताल से लैब के लिए जगह की मांग की गई थी। अब लैब के लिए अस्पताल के दवा वितरण केंद्र के ऊपर कोरोना लैब के पास जगह निर्धारित की है। शासन को अस्पताल प्रबंधन ने इसका प्रस्ताव भेज दिया है। एसआईसी डॉ. हरिचरण सिंह का कहना है कि, यह जिले की पहली बीएसएल-3 लैब होगी। फिलहाल बीएचयू में स्क्रब टाइफर, लेप्टोसपाइरा, चिकनगुनिया और दिमागी बुखार की जांच की जाती है। मंडलीय अस्पताल में बीएसएल-3 लैब की स्थापना के बाद यहां भी ये सब जांच हो सकेगी। बायोसेफ्टी लैब-3 में वायरस की भी पहचान की जा सकेगी।
लैब में नहीं होगा संक्रमण का खतरा
बीएसएल लैब-3 पूरी तरह से अत्याधुनिक बनने वाली है। इस लैब में संक्रमण का खतरा बिल्कुल भी नहीं रहेगा। दरअसल, हवा फिल्टर होकर लैब में जाएगी और बाहर निकलेगी। इसमें हर जांच के लिए पूरी तरह से एयर प्रूफ क्यूब बने रहते हैं। विशेष पीपीआई किट, ग्लब्स, फेस मास्क पहनकर ही लैब में किसी तरह की कोई जांच की जाती है।