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'नए राज' में क्‍या हाथ-पैर काटकर दी जाएगी सजा? महिलाओं को लेकर क्‍या रहेगा रुख? जानिये Taliban ने क्‍या कहा?

Updated Aug 16, 2021 | 15:41 IST

अफगानिस्‍तान में तालिबान का नया लोगों को डरा रहा है। सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं तो चिंता महिलाओं को लेकर भी है। तालिबान को लेकर खौफ की वजह अतीत के उसके फरमान हैं, जिन्‍होंने लोगों को गहरे जख्‍म दिए।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
'नए राज' में क्‍या हाथ-पैर काटकर दी जाएगी सजा? महिलाओं को लेकर क्‍या रहेगा रुख? जानिये तालिबान ने क्‍या कहा?
मुख्य बातें
  • अफगानिस्‍तान पर तालिबान के कब्‍जे ने यहां सुरक्षा को लेकर नई चिंताओं को जन्‍म दिया है
  • खास तौर पर महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मसला है, जो अतीत में कई प्रतिबंध झेल चुकी हैं
  • तालिबान हालांकि आश्‍वस्‍त कर रहा है, पर उसके दावों पर यकीन करना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है

काबुल : अफगानिस्‍तान पर तालिबान के कब्‍जे के साथ ही यहां सुरक्षा हालात को लेकर चिंता पैदा हो गई है। लोगों के मन में कई तरह की आशंका पैदा हो रही है। लोगों को वह दौर याद आ रहा है, जब करीब दो दशक पहले अफगानिस्‍तान में तालिबान का 'क्रूर' राज हुआ करता था। तालिबान ने यहां की सत्‍ता में 1997 में एंट्री ली थी, जिसके बाद यहां कई ऐसे नियम लागू किए गए, जो लोगों के लिए बेहद अजीब था।

अफगानिस्‍तान में तालिबान का वह पहला शासनकाल करीब चार वर्षों का रहा था, जो अमेरिका के वहां दाखिल होने के बाद सत्‍ता से बेदखल हुआ। इस बीच तालिबान ने पुरुषों के लिए दाढ़ी रखने, कबूतर व पतंगबाजी पर रोक सहित महिलाओं के लिए बुर्का पहनने के साथ-साथ उनकी शिक्षा-दीक्षा पर भी रोक लगा दी थी। यही वह दौर था जब अपने आदेशों की नाफरमानी के लिए तालिबान ने पाकिस्‍तान की स्‍वात घाटी में मलाला यूसुफजई को सिर में गोली मार दी थी।

लोगों को डरा रहा अतीत

तालिबान का यही अतीत लोगों को डरा रहा है। लोग उस खौफनाक मंजर को याद कर सिहर रहे हैं, जब तालिबान ने बामियान में बुद्ध की विशाल मूर्ति को डायनामाइट से उड़ा दिया था, क्‍योंकि उसके अनुसार यह सब इस्‍लामिक मान्‍यताओं के अनुरूप नहीं था। अब जब अफगानिस्‍तान से अमेरिका की वापसी के बीच तालिबान ने एक बार फिर यहां की सत्‍ता पर कब्‍जा जमा लिया है तो लोगों के मन में डर और आशंका स्‍वाभाविक ही हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेश, अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश सहित दुनिया के कई दिग्‍गज तालिबान की अगुवाई वाले अफगानिस्‍तान को लेकर चिंता जता चुके हैं। अफगानिस्‍तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव के बीच बड़ी संख्‍या में लोग घरों से बेघर हुए हैं, जो शिव‍िरों में रह रहे हैं तो कई रिपोर्ट इसकी तस्‍दीक कर चुके हैं कि अफगानिस्‍तान के कुछ इलाकों में तालिबान लड़ाकों ने स्‍कूलों तक को जला दिया।

तालिबान का गोलमोल जवाब

तालिबान ने जिस तरह हथियार के बल पर काबुल पर कब्‍जा किया है, उसे देखते भी चिंता जताई जा रही है। इस बीच तालिबान दुनिया को यह यकीन दिलाने में जुटा है कि 'नया राज' पहले से जुदा होगा। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने 'बीबीसी' को दिए एक इंटरव्‍यू में ऐसी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया और कहा कि सबकुछ पहले जैसा नहीं होगा। तालिबान प्रवक्‍ता ने उन युवा महिलाओं को आश्‍वस्‍त करने का प्रयास किया, जो अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी से परेशान हैं।

तालिबान प्रक्‍ता ने कहा कि महिलाओं के लिए इस शासन में पढ़ाई और कामकाज की परिस्थितियां पिछली सरकार के मुकाबले 'बेहतर' होगी। शिक्षा किस तरह की होगी, इसका पूरा परिदृश्‍य किस तरह का होगा, तालिबान प्रवक्‍ता ने इस पर स्थिति बहुत स्‍पष्‍ट नहीं की और केवल इतना कहा कि यह आगामी सरकार पर निर्भर होगा।
 
इस सवाल पर कि क्‍या तालिबान के राज वाले अफगानिस्‍तान में सजा देने के लिए हाथ-पैर काट देने और पत्‍थरों से मारने की व्‍यवस्‍था होगी, तालिबान प्रवक्‍ता ने इसका कुछ भी स्‍पष्‍ट जवाब न देते हुए कहा कि चूंकि यहां एक इस्‍लामिक सरकार होगी, इसलिए इस बारे में फैसला आगामी दिनों में इस्‍लामिक कानून के जानकार और धार्मिक फोरम लेंगे।