- इमरान खान के अमेरिकी दौरे के बाद ट्रंप प्रशासन ने लिया ये फैसला
- F-16 फाइटर जेट प्रोग्राम की टेक्निकल सपोर्ट पाकिस्तान को बेचने की मंजूरी
- डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी के हवाले से खबर आई सामने
वॉशिंगटन : अमेरिकी विदेश विभाग ने F-16 फाइटर जेट प्रोग्राम की टेक्निकल सपोर्ट पाकिस्तान को बेचने की मंजूरी दे दी है। डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) के हवाले से ये खबर सामने आई है। अमेरिका ने ये मंजूरी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के अमेरिका दौरे के तुरंत बाद दी है। हाल ही में पाक पीएम इमरान खान अमेरिका दौरे पर गए थे जहां पर उन्होंने व्हाइट हाउस में प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान अगर आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाता है और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को बहाल करने में मदद करता है पाकिस्तान को रक्षा सहायता देने में वॉशिंगटन फिर से विचार कर सकता है।
डीएससीए ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि विदेश विभाग ने F-16 प्रोग्राम को पाकिस्तान को बेचने की विदेश मंत्रालय की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इसकी कुल कीमत 125 मिलियन अमेरिकी डॉलर बताई जाती है।
पिछले साल नवंबर के महीने में पेंटागन के अधिकारियों ने कहा था कि अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.66 बिलियन की सुरक्षा सहायता राशि पर प्रतिबंध लगा रहा है। पाकिस्तान के द्वारा लगातार आतंकवाद पर नरमी बरतने के बाद ट्रंप प्रशासन ने इसकी आलोचना की थी और तब जाकर ये फैसला किया था। पाकिस्तान के विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने इसके बाद ट्रंप के आरोपों पर पाकिस्तान की नाराजगी व्यक्त की थी।
बता दें कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज अमेरिका ने करीब डेढ़ साल पहले पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता भी रोक दी थी। अब इमरान के दौरे से एक बार फिर पाकिस्तान को उम्मीद जगी है कि उसे अमेरिकी मदद मिलेगी और उसकी खस्ताहाल अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकेगी। इमरान ने अमेरिका दौरे के दौरान कबूल किया कि पाकिस्तान में करीब 40 हजार आतंकी सक्रिय हैं।
गौरतलब है कि इमरान खान के अमेरिकी दौरे से पहले ही जहां ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों और कांग्रेस समिति के सदस्यों ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान को वित्तीय सहायता तब तक नहीं मिलेगी, जब तक वह आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता। वहीं उनके दौरे के बाद भी अमेरिका ने ये कबूल करते हुए कहा कि अब पाकिस्तान को आतंकवाद पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।