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गर्भपात संबंधित ऐतिहासिक फैसले को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने पलटा, लाखों महिलाओं पर पड़ेगा असर

America, the Roe v Wade decision on abortion law, US Supreme Court
Updated Jun 24, 2022 | 22:45 IST

अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात से संबंधित रो वी वेड के ऐतिहासिक फैसले को पलट दिया है। अदालत के इस फैसले से लाखों महिलाओं पर असर पड़ेगा।

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गर्भपात कानून को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने पलटा, लाखों महिलाओं पर पड़ेगा असर
मुख्य बातें
  • गर्भपात कानून के फैसले को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पलटा
  • लाखों अमेरिकी महिलाओं पर पड़ेगा असर

अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात कानून को वैध बनाने वाले फैसले को पलट दिया गया है। यह करीब 50 साल पुराना फैसला था। अब इस फैसले को पलटे जाने के बाद लाखों महिलाएं गर्भपात का कानूनी अधिकार खो देंगी। अदालत ने रो बनाम वेड के ऐतिहासिक फैसले को रद्द कर दिया है। अदालत का यह फैसला अमेरिका में गर्भपात के अधिकारों को बदल देगा।  राज्य अब प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगाने में सक्षम होंगे।आधे अमेरिकी राज्यों से नए प्रतिबंध या प्रतिबंध लगाने की उम्मीद है। तेरह तथाकथित ट्रिगर कानून पहले ही पारित कर चुके हैं जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गर्भपात को स्वचालित रूप से अवैध कर देंगे। कई अन्य लोगों के जल्द ही नए प्रतिबंध पारित करने की संभावना है।कुल मिलाकर, प्रजनन आयु की लगभग 36 मिलियन महिलाओं के लिए गर्भपात की पहुंच से दूर हो जाएंगी। 

जो बाइडेन ने क्या कहा
आज संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है।सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से अमेरिकी लोगों से एक संवैधानिक अधिकार छीन लिया जिसे उसने पहले ही मान्यता दे दी थी। वे बस इसे दूर ले गए। इतने सारे अमेरिकियों के लिए इतना महत्वपूर्ण अधिकार के लिए ऐसा कभी नहीं किया गया है।"


क्या था रो बनाम वेड मामला

रो बनाम वेड का ऐतिहासिक फैसला नॉर्मा मैककॉर्वी की याचिका पर आया था। अदालत की कार्यवाही के दौरान उन्हें जेन रो नाम दिया गया। बता दें मैककॉर्वी 1969 में अपना गर्भपात कराना चाहती थीं क्योंकि उनके पहले से ही दो बच्चे थे। टेक्सास में जहां वो रहती थीं वहां गर्भपात गैरकानूनी था। गर्भपात की इजाजत के लिए यह जरूरी था कि जब गर्भ धारण करने से मां की जान को खतरा हो। मैककॉर्वी ने संघीय अदालत में अर्जी दाखिल कर दावा किया कि टेक्सास का गर्भपात कानूनी तौर असंवैधानिक है। इस मुकदमे में बचाव पक्ष के तौर पर तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी हेनरी वेड थे। लेकिन नॉर्मा मैककॉर्वी को तब गर्भपात कराने की अनुमति नहीं मिल सकी थी।