वाशिंगटन : अमेरिका के अटलांटा क्षेत्र में तीन मसाज पार्लर पर गोलीबारी के मामले में नई जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि इस वारदात को अंजाम देने वाला शख्स पूर्व में एक 'सेक्स एडिक्ट' रह चुका है और इसे लेकर महिलाओं से नफरत ने ही उसे मसाज पार्लर्स को निशाना बनाने के लिए उकसाया, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई।
जॉर्जिया राज्य के अटलांटा इलाके में मंगलवार रात हुई इस गोलीबारी में आठ लोगों की जान गई हैं, जिनमें से छह एशियाई मूल की महिलाएं हैं। ऐसे में इसके पीछे नस्ली हमलों की आशंका भी जताई गई थी। खास तौर पर ऐसे में जबकि कोरोना वायरस महामारी के कारण यहां एशियाई नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है, इस घटना के बाद एशियाई-अमेरिकी समुदाय के लोग दहशत में है।
सेक्स एडिक्ट था ऐरोन!
पुलिस का हालांकि कहना है कि अभी यह कहना जल्दबादी होगी कि यह हमला नस्ली था। पुलिस के अनुसार, इस मामले में अब तक जो संकेत मिले हैं, उससे जाहिर होता है कि इन सबके पीछे आरोपी की मंशा उस जगह को खत्म कर देने की थी, जो उसमें 'यौन लालसा' को बढ़ावा देती थी। उसके एक पुराने साथी का भी दावा है कि रॉबर्ट ऐरोन लॉन्ग नाम का यह शख्स पूर्व में 'सेक्स एडिक्ट' रह चुका है।
ऐरॉन को अटलांटा क्षेत्र के तीन मसाज पार्लर्स पर गोलीबारी का आरोपी बनाया गया है। 21 साल के इस श्वेत युवक के बारे में कहा जा रहा है कि वह अक्सर मसाज पार्लर में जाया करता था। वह मसाज पार्लर्स को 'यौन लालसा' बढ़ावा देने वाली जगहों के तौर पर देखता था। उसका इरादा फ्लोरिडा में भी 'एक तरह की पॉर्न इंडस्ट्री' पर हमला करने का था, लेकिन इससे पहले ही उसे दबोच लिया गया।
मसाज पार्लर्स को लेकर घृणा
इस बीच टायलर बायलेस नाम का एक 35 वर्षीय शख्स भी सामने आया है, जिसका कहना है कि वह अटलांटा में पूर्व में ऐरोन के साथ एक घर में कुछ महीनों के लिए रह चुका है, जहां उसका इलाज नशीली दवाओं की लत को लेकर हो रहा था, जबकि ऐरोन का 'सेक्स एडिक्शन' को लेकर इलाज चल रहा था। बायलेस के मुताबिक, ऐरोन अक्सर मसाज पार्लर्स जाने को लेकर पछतावा करता था और इसे लेकर घृणा से भर जाता था।
अमेरिका में मामले की जांच कर रही पुलिस ने भी ऐरोन को लेकर इसी तरह की आशंका जताई है। अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले में नस्ली भावना नजर नहीं आती है। जिन आठ लोगों की जान गई है, उनमें बेशक छह एशियाई महिलाएं हैं, पर एक श्वेत महिला और एक श्वेत पुरुष भी हैं। जॉर्जिया स्टेट रिप्रेजेंटेटिव बी नुयेन के मुताबिक, गोलीबारी की यह घटना 'लैंगिक हिंसा, स्त्री जाति से द्वेष व विदेशी लोगों से खौफ' से प्रेरित लगती है।