- जवाहिरी अमेरिका में हुए 9/11 हमले का मास्टरमाइंड था। और उस पर 2.5 करोड़ डॉलर का ईनाम था।
- कश्मीर में जेहाद से लेकर कर्नाटक हिजाब पर जवाहिरी ने वीडियो जारी किए थे।
- लादेन के बाद लगातार कमजोर होने से अलकायदा के 5 से 7 देशों में सहयोगी आतंकी संगठन खड़े हो गए हैं।
Ayman al-Zawahiri Dead: ओसामा बिन लादेन का नंबर-2 और पिछले 11 साल से अलकायदा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे अयमान अल जवाहिरी को अमेरिका ने मार दिया है। जवाहिरी की पिछले कुछ समय से कई बार मौत की खबरें उड़ी थी। लेकिन मंगलवार सुबह उसकी मौत की खबर अफवाह नहीं थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अनुसार शनिवार को काबुल में किए गए ड्रोन हमले में जवाहिरी को मार गिराया गया है। जवाहिरी अमेरिका में हुए 9/11 हमले का मास्टरमाइंड था। और उस पर 2.5 करोड़ डॉलर का ईनाम था। जवाहिरी भारत में कश्मीर मुद्दे को लेकर जेहाद की भी बात करता था। औ हाल ही में उसने कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद पर भी बयान देकर उसका समर्थन किया था।
जवाहिरी के दौर में कमजोर हुआ अलकायदा
भले ही जवाहिरी 9/11 हमले का मास्टरमाइंड था और ओसामा बिन लादेन का नंबर-2 था, लेकिन यह हकीकत है कि उसके अंदर लादेन जैसी नेतृत्व क्षमता नहीं थी। और वह लादेन के विपरीत लो-प्रोफाइल रहता था। 2011 में अलकायदा की कमान संभालने के बाद, जवाहिरी ने साफ कर दिया था कि वह ओसामा बिन लादेन के कदमों पर चलेगा। लेकिन पिछले 10 सालों में अलकायदा अमेरिका या यूरोप में कोई बड़े आतंकी हमले करने में सफल नहीं हो पाया।
2019 में फ्लोरिडा में 3 अमेरिकी नौ सैनिकों की हत्या में उसकी भूमिका रही। ऐसी कुछ छोटी आतंकी घटनाओं के अलावा जवाहिरी के दौर में अलकायदा कमजोर नजर होता चला गया। अटलांटिक काउंसिल की कि रिपोर्ट के अनुसार जवाहिरी ने इस बीच आईएसआईएस जैसी इस्लामिक स्टेट बनने के सपने से दूर रखकर सीरिया, यमन, अफ्रीका और दक्षिण एशिया में सहयोगी संगठनों के जरिए विस्तार किया। और इसी वजह से उसने अलकायदा को आतंकी संगठनों का सांकेतिक नेतृत्व के लायक बनाए रखा। लेकिन अब जवाहिरी के मृत्यु के बाद शायद अलकायदा खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। लेकिन इस बीच यह नहीं भूलना चाहिए कि अलकायदा के पांच क्षेत्रों में फैले सहयोगी संगठन कोई भी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे और अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करेंगे। ऐसे में इस खतरे को नजअंदाज नहीं किया जा सकता है।
जवाहिरी के बाद कौन
इंटरनेशनल सेंटर फॉर काउंटर टेररिज्म की रिपोर्ट के अनुसार जवाहिरी के बाद अलकायदा की कमान कौन संभालेंगा, उसको लेकर कई दावेदार हैं। आइए जानते हैं कौन हैं ये प्रमुख दावेदार
सैफ-अल-अदेल : मिस्र का पुराना कमांडो और 9/11 से लेकर दूसरे कई आतंकी हमले को कैसे अंजाम दिया जाय, उसकी ऑपरेशन प्लानिंग इसी के पास रही है।
अब्द-अल-रहमान-अल मघरेबी- अलकायदा की मीडिया कमेटी का प्रमुख और जवाहिरी का दामाद है। ओसामा बिन लादेन के बेटे उसमा लादेन का बेहद करीबी था।
इसके अलावा अबु अल मसारी (आपरेशन कमांडर) और अमीन मुहम्मद उल हक साम खान (ओसामा बिन लादेन का सिक्योरिटी कमांडर) भी जवाहिरी की जगह ले सकते हैं।
अफगानिस्तान में छुपे होने का क्या है संदेश
भले ही जवाहिरी के समय अलकायदा लादेन जैसा प्रभाव नहीं रखता था। लेकिन लादेन की तरह वह भी अफगानिस्तान में मारा गया है। यह इस बात का संकेत है कि अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद, तालिबान के राज में अलकायदा फिर से पैर पसार रहा है। या फिर तालिबान ने किसी लालच में अमेरिका को जवाहिरी की जानकारी सौंपी थी। अगर तालिबान के शासन में अलकायदा का नेटवर्क फिर से मजबूत हो रहा है, तो आने वाले समय में यह दुनिया के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।