- दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा विवाद तीस्ता नदी समझौते को लेकर रहा है।
- रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ भारत और बांग्लादेश के लिए एक बड़ी समस्या है।
- तीस्ता समझौते को लेकर ममता बनर्जी विरोध करती रही है।
Sheikh Hasina In India:बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को चार दिवसीय भारत दौरे पर दिल्ली पहुंच गई। भारत के साथ बढ़ते आर्थिक सहयोग, रोहिंग्या मुसलमानों और दूसरे अहम मुद्दों के बीच शेख हसीना का भारत दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। भारत आने से पहले शेख हसीना ने एक इंटरव्यू भी दिया है। जिसमें में उन्होंने भारत-बांग्लादेश के रिश्तों को लेकर खुलकर बात की है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि हमें याद है कि भारत ने साल 1971 में हमारी कैसे मदद की थी। साथ ही उन्होंने रोहिंग्या और भारत-चीन रिश्तों पर लेकर भी बात की है।
भारत आने से पहले क्या कहा
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर कहा है कि उनका देश भारत के सहयोग और समर्थन को हमेशा याद रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमारा भरोसेमंद साथी है। साल 1971 के युद्ध के दौरान भारत ने जिस तरह बांग्लादेश का सहयोग किया, वह हमेशा याद है। उन्होंने अपने परिवार के साथ हुई ज्यादातियों और भारत से मिले सहयोग को भी याद करते हुए कहा है कि 1975 में जब मैंने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया था, तब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री ने हमें भारत में आश्रय दिया था।
उन्होंने भारत और चीन के रिश्तों पर तटस्थ रखते हुए कहा कि अगर चीन और भारत के बीच कोई समस्या है तो मैं उसमें नहीं पड़ना चाहती। मैं केवल अपने देश का विकास चाहती हूं। वहीं रोहिंग्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए एक बड़ा बोझ है। जहां तक भारत कि बात है तो वह एक बहुत बड़ा देश है और वह आसानी ने उन्हें आसरा दे सकता है। बांग्लादेश में 11 लाख रोहिंग्या हैं। साथ ही उनकी घर वापसी के लिए हम कोशिश कर रहे हैं।
भारत के साथ हो सकते हैं अहम समझौते
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार दक्षिण एशिया में बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। पिछले पांच साल में दोनों देशों के बीच कारोबार 9 अरब डॉलर से बढ़कर 18 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इसके अलावा भारत करीब 16 अरब डॉलर का निर्यात बांग्लादेश को करता है। यही नहीं बांग्लादेश से करीब 2.3 लाख लोग भारत में ईलाज के लिए आए थे। इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत में आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने में बांग्लादेश का सहयोगी भी सकारात्मक रहा है।
सूत्रों के अनुसार इस बार के दौरे पर दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, कुशीयारा नदी को लेकर अहम समझौते हो सकते हैं। पिछले महीने दोनों देशों ने नदियों के बंटवारों के लिए समझौते का एक मसौदा तैयार किया था।
इन मुद्दों पर सबकी नजर
दोनों देशों के बीच विवाद की सबसे बड़ी जड़ तीस्ता नदी समझौते को लेकर रहा है। साल 2011 से यह मामला लंबित है। उस वक्त दोनों देशों में सचिव स्तर पर इस बंटवारे को मुहर लग गई थी लेकिन बाद ममता बनर्जी के विरोध के कारण दोनों देशों के बीच समझौता नहीं हो सका था। इसके अलावा बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए भारत से ट्रांजिट रूट चाहता है।