Gujarati family : कनाडा-अमेरिका सीमा पर कड़ाके की सर्दी में जान गंवाने वाले भारतीय परिवार की पहचान हो गई है। यह परिवार गुजरात के गांधीनगर के कलोल तालुका के दिनगुचा गांव का रहने वाला था। कनाडा के अधिकारियों का कहना है कि यह परिवार अवैध तरीके से अमेरिका में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था लेकिन सीमा पर पड़ रही अत्यधिक ठंड को यह परिवार बर्दाश्त नहीं कर पाया और परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। गुजराती परिवार के सदस्यों की पहचान जगदीश पटेल (39), उनकी पत्नी वैशालीबेन (37), बेटी विहांगी (11) और बेटा धार्मिक (तीन) के रूप में हुई है। कनाडा में मामले की जांच करे अधिकारी इसे 'मानव तस्करी' का संदिग्ध मामला मान रहे हैं।
अभी अनसुलझे हैं कई सवाल
अधिकारियों के सामने कई अनसुलझे सवाल भी है। उन्हें यह बात समझ में नहीं आ रही है कि एक ठीक-ठाक परिवार मौसम की इतनी खतरनाक परिस्थितियों में अमेरिका क्यों जाना चाहता था? टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मानिटोबा प्रांत के रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने सोशल मीडिया पर जारी अपने एक बयान में कहा है कि 'हमारा मानना है कि यह केस मानव तस्करी से जुड़ा हुआ है। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि पटेल परिवार कैसे 12 जनवरी को टोरंटो से एमरसन के लिए रवाना हुआ। यह परिवार 18 जनवरी को एमरसन पहुंचा।'
बॉर्डर पर अत्यधिक ठंड से हुई परिवार की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक आरसीएमपी का कहना है कि पटेल परिवार की मौत अत्यधिक ठंड की वजह से हुई। इनके शव एमरसन शहर के समीप अमेरिकी बॉर्डर से महज 12 मीटर की दूरी पर मिले। यह परिवार 12 जनवरी को टोरंटो पहुंचा था। एमरसन के समीप ऐसा कोई वाहन नहीं मिला जिससे ये लगे कि यह परिवार उस वाहन से आया था। ऐसा लगता है कि किसी ने इस परिवार को यहां छोड़ा और फिर चला गया। बताया गया कि यह परिवार जब बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रहा था, उस समय वहां माइनस 35 डिग्री सेल्सियस तापमान था।
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परिवार कनाडा में ही क्यों नहीं रुका?
रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि इस गुजराती परिवार ने अपने अमेरिकी सपने को पूरा करने के लिए करीब 100,000 डॉलर की भारी-भरकम राशि खर्च की। अधिकारी हैरान हैं कि अमेरिका में अवैध रूप से दाखिल होने के लिए इस परिवार ने इतनी बड़ी राशि क्यों खर्च की? ऐसा भी नहीं था कि परिवार के अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने के बाद उनकी मुश्किलें कम होतीं। अधिकारियों को एक सवाल यह भी परेशान कर रहा है कि परिवार टूरिस्ट वीजा पर कनाडा पहुंचा था तो ऐसे में उसे अमेरिका जाने की क्या जरूरत थी? परिवार कनाडा में ही क्यों नहीं रुका?
भारत नहीं लाए जाएंगे शव
इस बीच, अहमदाबाद में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी-अपराध) अनिल प्रथम ने कहा कि ‘इस बात की अब पुष्टि हो गई है कि परिवार गांधीनगर के कलोल तालुका के दिनगुचा गांव का था। कनाडा में भारतीय दूतावास यहां उनके परिवार के संपर्क में है ताकि आगे के कदम उठाये जा सकें।’जगदीश पटेल के रिश्तेदार जसवंत पटेल ने कहा कि उन्होंने शवों को वापस भारत नहीं लाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा, ‘पूरा परिवार गहरे सदमे में है...फिलहाल हमने शवों को अंतिम संस्कार के लिए यहां नहीं लाने का निर्णय किया है। अंतिम संस्कार कनाडा में ही किए जाएंगे।’