- पिछले छह महीने में पाकिस्तान ने 10.4 अरब डॉलर का कर्ज लिया है।
- देनदारी चुकाने के लिए लाहौर-इस्लामाबाद मोटरवे को भी गिरवी रख दिया है।
- इमरान सरकार विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए लोगों के घरों में रखे सोने को अपने पास रखने के लिए स्कीम लाने की तैयारी में है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान की माली हालत दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है। हालात यह कि उसके पास अपने रोजमर्रा की देनदारियों को चुकाने के लिए भी विदेशी मुद्रा बहुत कम बची है। उस पर उसके ऊपर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार, अपने नागरिकों के पास रखे सोने (Gold)को हासिल करना चाहती है। इसके लिए पाकिस्तान सरकार एक स्कीम लाने की योजना पर काम कर रही है। जिससे लोग अपने पास रखे सोने को सरकार को दे सकें। और उसके बदले में सरकार उन्हें ब्याज देगी। ऐसा कर सरकार अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाना चाहती है। जिससे कि वह अपने खर्चों को पूरा कर सके। इसको लेकर इकोनॉमिक एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में चर्चा भी हो चुकी है। जिसमें पाकिस्तान के वित्त मंत्री और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर मौजूद थे।
बेहद कम बचा है विदेशी मुद्रा भंडार
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 11 फरवरी 2022 तक पाकिस्तान के पास 23.49 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा हुआ है। जो कि उसकी आगे की जरूरतों के लिए नाकाफी है। सीईआईसी की रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2021 में पाकिस्तान के पास अपनी आयात की जरूरतों को पूरा करने के लिए केवल 2.1 महीने का विदेशी मुद्रा भंडार था। बिगड़ती हालत और बढ़ते कर्ज को देखते हुए इसीलिए सरकार लोगों के पास रखे सोने की बिस्कुट और बॉर (Bar)को लेकर विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाना चाहती है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में लोगों के पास 5000 टन सोने की बिस्कुट और बॉर (Bar)हैं।
इतिहास का सबसे महंगा कर्ज, सड़क भी रखी गिरवी
पाकिस्तान के अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई से दिसंबर 2021 के दौरान पाकिस्तान ने 10.4 अरब डॉलर का कर्ज लिया है। जो कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में करीब 78 फीसदी ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार देश कर्ज के जाल में बहुत तेजी से फंसता जा रहा और उस लेवल पर पहुंच गया है जहां वह अपने 75 साल के इतिहास में सबसे महंगा विदेशी कर्ज ले रहा है।
पिछले तीन महीनों में, सरकार ने सऊदी अरब से 3 अरब अमरीकी डालर का कर्ज लिया है। इसके अलावा सुकुक बांड के जरिए अभी तक के सबसे महंगे कर्ज के रूप में एक अरब डॉलर जुटाए हैं। पाकिस्तान ने यह कर्ज 7.95 फीसदी के ब्याज पर लिया है। इसके अलावा देनदारी समय पर चुकाने के लिए लाहौर-इस्लामाबाद मोटरवे को भी गिरवी रख दिया है।
चीन के जाल में में फंसता जा रहा है पाकिस्तान
ट्रिब्यून के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पर चीन का कर्ज 18.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। जो कि पाकिस्तान के कुल विदेशी कर्ज का करीब 20 फीसदी है। पाकिस्तान पर अभी 92.3 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज है। आईएमएफ के अनुमान के अगले वित्त वर्ष तक पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज बढ़ कर 103 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
ब्लैक लिस्ट हुआ तो दिवालिया होगा पाकिस्तान ?
कर्ज के जाल में फंसे पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की प्लेनरी सेशन की बैठक 21 फरवरी से शुरू हो रही है। और इस बैठक में फैसला होगा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करने और टेरर फंडिंग के आरोप में ब्लैक लिस्ट में डाला जाए या नहीं। अभी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में है। अगर उसे ब्लैक लिस्ट में डाला गया तो पाकिस्तान के लिए विदेशी संस्थाओं से कर्ज मिलना बंद हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो वह दिवालिया होने के कगार पर भी पहुंच जाएगा। जून 2018 से पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में है। और वह अभी तक चीन, तुर्की और मलेशिया की वजह से ब्लैक लिस्ट होने से बचाता आया है।
पाकिस्तान के बदले सुर, हालत खस्ता तो आई भारत की याद, कहा-भारत के साथ व्यापार समय की जरूरत