- चीन में मुस्लिमों के खिलाफ जिनपिंग सरकार का अभियान जारी
- कई जगह शौचालय में तब्दील किए मस्जिद, अब प्रसिद्ध मस्जिदों के गुबंद किए नष्ट
- दाढ़ी बढ़ाने और कुरान पढ़ने को चीन में माना जाता है संदिग्ध
नई दिल्ली:चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ होने वाले अत्याचार किसी से छिपे नहीं है। इस्लामी प्रभाव के खिलाफ चीन अभी तक कई इमारतों मस्जिदों और उससे जुड़ी कई धरोहरों को नष्ट कर चुका है। हजारों की संख्या में उईगर अभी भी डिटेंशन सेंटर में कैद हैं। कुछ समय पहले चीन ने शिनजियांग प्रांत के आतुश में एक मस्जिद को गिराकर वहां शौचालय बनवा दिया था और अब एक नया मामला चीन के यिनचुआन प्रांत से सामने आया है। यहां अरब शैली में बने मस्जिद के गुंबदों को धवस्त कर दिया गया है। अधिकारी देशभर में इस तरह का अभियान छेड़े हुए हैं और मस्जिदों के गुंबदों को तोड़ रहे हैं।
मस्जिद का आकार बदला
द देलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, निंगज़िया प्रांत की राजधानी यिनचुआन में मुख्य मस्जिद के आकार में परिवर्तन देखा गया है, जहां बड़ी संख्या में चीन के हूई जातीय मुस्लिम अल्पसंख्यक रहते हैं। यहां स्थित सुनहरे रंग की नंगान मस्जिद, जिसके ऊपर प्याज के आकार का गुंबद था उसे ढहा दिया गया है। इसे ध्वस्त करने से पहले मस्जिद में गोल्डन इस्लामिक-शैली की फ़िजीरी, सजावटी मेहराब और अरबी लिपि में लिखे शब्दों को नष्ट किया गया।
ऐसे हुआ खुलासा
मस्जिदों में जो कुछ बचा है वो पहचानने योग्य नहीं है, या यूं कहें कि आपको पता भी नहीं चलेगा कि ये मस्जिद है। चीन में ब्रिटेन के मिशन के उप प्रमुख क्रिस्टीना स्कॉट द्वारा ऑनलाइन पोस्ट की गई तस्वीरों में दिखाया चीन के मस्जिदों के खिलाफ चलाए गए इस अभियान की एक झलक देखी जा सकती है। स्कॉट ने ट्विटर पर लिखा, 'ट्रिप एडवाइजर ने यिनचुआन में नुआंगन मस्जिद का भ्रमण करने सुझाव दिया।' फोटो पोस्ट करते हुए स्कॉट ने लिखा, 'वहां केवल जो दिखता है वो यही है। गुंबद, मीनार, सभी नष्ट कर दिए गए हैं। कोई भी आगंतुक को यहां आने की अनुमति नहीं है। इतना निराशाजनक है।'
लगातार कर रहा है इस्लामी धरोहरों को नष्ट
ब्रिटेन के विदेशी मंत्रालय के कार्यालय ने कहा: 'हम चीन में इस्लाम और अन्य धर्मों पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर बेहद चिंतित हैं। हम चीन से आह्वान करते हैं कि वह धार्मिक स्वतंत्रता या विश्वास को, उसके संविधान और अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप बनाए रखे।' दरअसल चीन में इस्लामी शैली में बने मस्जिदों के गुंबदों को लगातार नष्ट किया जा रहा है। 'लिटिल मक्का' ने नाम से मशहूर लिनेक्सिया में भी इस्लामिक धरोहरों को नष्ट किया जा रहा है।
दाढ़ी बढ़ाने और कुरान पढ़ने को माना जाता है संदिग्ध
चीन की इस तरह की हरकत कोई नयी नहीं है। शिंजियांग बड़ी संख्या में मुस्लिमों को कैद शिविरों में रखा गया है जहां उन्हें शारीरिक यातना और जबरन श्रम कराया जाता है। दाढ़ी बढ़ाना, उपवास करना और कुरान पढ़ना सभी को सरकार द्वारा संदिग्ध व्यवहार माना गया है और ऐसा करने वालों को शिविरों में नजरबंद किया गया है। एक विशेषज्ञ ने बताया कि ऐसा कर शी जिनपिंग मुस्लिम समुदायों में अधिक आक्रोश पैदा कर रहे हैं, और वे उन्हें और अधिक कट्टरपंथी बनाने की तरफ धकेल रहे हैं।