- चीन में कोरोना से अब तक करीब 3 हजार लोगों की मौत
- भारत में अब तक कोरोना के 28 पुष्ट मामले मिले, सरकारी एजेंसियां सतर्क
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर रखा है।
नई दिल्ली। Covid 19 यानि कोरोना वायरस का के कोहराम का सामना दुनिया के ज्यादातर देश कर रहे हैं। चीन में अब तक तीन हजार लोग काल के गाल में समा चुके हैं। लेकिन चीन यह मानने को कत्तई तैयार नहीं है कि इस वायरस का फैलाव उसकी धरती से हुआ। चीनी विदेश मंत्रालय ने जो तर्क दिया है उसे पढ़कर और समझकर आप कहेंगे कि चीन चालबाज है।
कोरोना की चीनी ओरिजिन से चीन का इंकार
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि कोरोना वायरस चीन से फैला है।लेकिन यह अतार्किक और गैरजिम्मेदाराना बयान है। चीन सरकार को इस तरह की खबरों पर कड़ा ऐतराज है। हमारे वैज्ञानिक इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि यह पता चले कि यह वायरस कहां से पनपा। हालांकि इस संबंध में अभी ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी है।
WHO ने कोविड-19 नाम इसलिए दिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन के बयानों पर ध्यान दें तो वहां से कहा गया है कि यह वैश्विक स्वास्थ्य आपदा है जो सही माएने में कहां से शुरु हुई है। अभी हर एक देश की कोशिश होनी चाहिए कि इस समस्या से कैसे निपटा जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे कोविड-19 नाम दिया ताकि किसी खास देश या इलाके को इससे न जोड़ा जाए। ये बात सच है कि कोरोना वायरस का पहला मामला चीन में मिला। लेकिन चीन को दोषी ठहरा देना सरासर गलत है।
चीनी डॉक्टरों से जानकारी की साझा
बताया जा रहा है कि कोरोना के एपीसेंटर रहे वुहान में मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने भारतीय डॉक्टरों को इस बीमारी के इलाज से जुड़ी कुछ जानकारी भी साझा की है। कोरोना से किस तरह से निपटा जाए, मेडिकल कर्मचारियों को किस तरह की ट्रेनिंग मुहैया कराई जाए और इसके साथ ही मास्क पहनने व हाथ धोने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। वुहान में पिछले 2 महीने से कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने विदेशी और घरेलू मीडिया से पहली बार एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस की मदद से अपने अनुभवों को साझा किया।