- चीन ने लॉन्च किया तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर
- चीन का अब तक का सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट कैरियर है टाइप-003
- हिंद महासागर में अपना दबदबा बनाना चाहता है चीन
China Aircraft Carrier Launch: चीन ने अपना तीसरा विमानवाहक पोत फुजियान लॉन्च कर दिया है, ये चीन का पहला स्वदेशी जहाज है। इसे पूरी तरह से देश के अंदर बनाया और डिजाइन किया गया है। फुजियान नामक 003 नई पीढ़ी के विमानवाहक पोत ने शुक्रवार सुबह अपना ड्राईडॉक छोड़ा। चीन का ड्रीम प्रोजेक्ट टाइप 003 एयरक्राफ्ट कैरियर चीन का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसे पूरी तरह से चीन में बनाया गया है। इसे चीन स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड की शंघाई स्थित सहायक कंपनी जियांगन शिपयार्ड में बनाया गया है।
चीन का अब तक का सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट कैरियर है टाइप-003
चीन इसे अपना अब तक का सबसे ताकतवर एयरक्रफ्ट कैरियर बता रहा है। शंघाई में लॉकडाउन के चलते इस एयरक्राफ्ट कैरियर का लॉन्च टल गया था। चीन के तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर को 23 अप्रैल को पीएलए की ओर से नेवी डे पर समुद्र में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोविड-19 के चलते इसके लॉन्च में 3 महीने की देरी हुई।
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हिंद महासागर में अपना दबदबा बनाना चाहता है चीन
चीन दक्षिण चीन सागर के बाद हिंद महासागर क्षेत्र में भी अपना दबदबा बनाने के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर की झड़ी लगाना चाहता है। इसके लिए वह अपने एयरक्राफ्ट कैरियर की संख्या लगातार बढ़ा रहा है। चीन के पास अब तक दो एयरक्राफ्ट कैरियर थे, जो कि भारत के दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर से बड़े हैं। तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर शुक्रवार को लॉन्च हो चुका है तो चौथा परमाणु इंधन से चलने वाला सुपर कैरियर बनाने की तैयारी है। चीन 2035 तक के अपने प्लान के मुताबिक 5 से 6 एयरक्राफ्ट कैरियर अपनी नौसेना में शामिल करना चाहता है।
क्या है टाइप 003 क्राफ्ट कैरियर की खासियत?
आज लॉन्च हुए विमान वाहक युद्धपोत को टाइप-003 के नाम से जाना जाता है। ये चीन के अब तक के फ्लीट का सबसे बड़ा युद्धपोत है। इसका वजन 80 हजार टन है और ये इलेक्ट्रोमैगनेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम से लैस है। इस सिस्टम में एयरक्राफ्ट को कैटापुल्ट के जरिए कम से कम जगह से टेकऑफ कराया जा सकता है।
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सोवियत काल में बनना शुरू हुआ था चीन का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर
चीन के पहले एयरक्रफ्ट कैरियर की बात करें तो सोवियत काल में इसे बनाने की शुरुआत हुई। उसके बाद सोवियत के विघटन के बाद इसका काम रुक गया, जिसके बाद यूक्रेन ने इसकी नीलामी कर दी और चीन ने उसे 1998 में खरीद लिया था। चीन ने उसे फिर से बनाना शुरू किया और सिंतबर 2012 में लिआओनिंग नाम देकर चीनी नौसेना में शामिल कर लिया। 4 साल बाद 2019 में लिआओनिंग युद्ध ऑप्रेशन के लिए तैयार हो गया। चीन का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर शैंनडॉंग टाइप-2 था, जो 2013 में बनना शुरू हुआ और 2019 में उसे कमिशन कर दिया गया। ये एयरक्राफ्ट कैरियर 70 हजार टन वजनी है और स्काई जंप कैरियर है। इसका मतलब ये कि इसका रनवे का रैंप 12 डिग्री के एलिवेशन पर है, जिसकी वजह से विमान को टेकऑफ लेने के लिए लंबा रनवे नहीं चाहिए होता। आज लॉन्च होने वाले तीसरे कैरियर का नाम फोजियान रखा गया है और उसे टाइप-003 के नाम से भी जाना जाता है। ये लिंयानिंग और शैंनडॉंग के डिजाइन से बिल्कुल अलग है।
न्यूक्लियर प्रोपल्शन एयरक्राफ्ट कैरियर का काम शुरू
चीन अपने चौथे एयरक्राफ्ट कैरियर पर काम कर रहा है। ये उसका सुपर कैरियर है, जिसे टाइप-004 कहा जा रहा है। ये कैरियर टाइप-003 से भी बड़ा और वजनी होगा। रिपोर्ट के मुताबिक इसका वजन 1 लाख 10 हजार टन होगा। इस कैरियर में 70 से 100 फाइटर जेट और हैलिकॉप्टर के रखे जाने की जगह होगी और ये चीन की पहली न्यूक्लिअर प्रोपल्शन एयरक्राफ्ट कैरियर होगा।
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चीन के एयरक्राफ्ट कैरियर संख्या को बढ़ाने के पीछे उसका मकसद है कि वो अपनी बादशाहत को समंदर पर बढ़ा सके। हालांकि चीन जिस तरह से समुद्र में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का बेजा इस्तेमाल कर रहा है, उसे लेकर भारत, अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और जापान ने क्वाड बनाकर चीन को चेताया है ।