बीजिंग : चीन में जब से शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला है, देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मुहिम की शुरुआत भी की गई। भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत अब तक बड़ी संख्या में नेताओं, कारोबारियों को सजा हुई है, जिसके बाद चीन के राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के नाम पर विरोधियों के 'सफाये' का आरोप भी लगा। इन आरोपों के बीच अब एक बार फिर चीन में इस अभियान को लेकर हलचल और कारोबारी खौफ के साये में हैं।
चीन में मंगलवार (1 फरवरी, 2022) से नए चंद्र वर्ष की शुरुआत हुई है और इसके साथ ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई वाली मुल्क की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा चलाए गए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को विस्तार दिया जा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके तहत उच्च तकनीकी उद्योग और इसके अरबपति मालिकों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो सकती है। इसे लेकर चीन में हलचल मची हुई है तो बड़े कारोबारी डरे हुए हैं।
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लाखों लोगों पर हुआ है एक्शन
चीन में भ्रष्टाचार विरोधी इस अभियान की शुरुआत से के बाद से बीते एक दशक से भी कम समय में मंत्री स्तर या उससे ऊपर के 400 से अधिक अधिकारियों को दंडित किया गया है। बड़े पैमाने पर अधिकारियों की जांच हुई है और 120 से अधिक देशों तथा विभिन्न क्षेत्रों से 8,300 से अधिक भगोड़ों को वापस लाया गया है। जिन लोगों को दंडित किया गया है उनमें चीनी सेना के 50 से अधिक उच्च पदस्थ अधिकारी भी शामिल हैं।
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वहीं शी जिनपिंग के साल 2012 में राष्ट्रपति के तौर पर सत्तासीन होने के बाद से भ्रष्टाचार के मामले में कुल कार्रवाइयों की बात करें तो इस अभियान के तहत अब तक 10 लाख से अधिक अधिकारियों/कर्मचारियों को दंडित किया जा चुका है। अब कारोबारियों के खिलाफ एक्शन में हुई तेजी से उद्योग जगत के लोगों में चिंताएं बढ़ रही हैं। बीते साल की ही बात करें तो चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने अलीबाबा, टेनसेंट और दीदी ग्लोबल सहित चीन के इंटरनेट दिग्गज समूहों पर भी कार्रवाई की थी।