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इस महिला की 'डायरी' में छिपा है वुहान का सच! पोल खुलने से डरा चीन कर रहा है ऐसी हरकत

Chinese writer Fang Fang faces backlash and death threat for ‘Wuhan Diary
Updated Apr 24, 2020 | 14:13 IST

चीनी लेखिका फेंग फांग ने अपने गृह नगर में कोरोना वायरस त्रासदी के बारे में 'वुहान डायरी' लिखनी शुरू की। दुनिया के सामने सच्चाई उजागर होने से चीन बौखला गया है।

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Chinese writer Fang Fang faces backlash and death threat for ‘Wuhan DiaryChinese writer Fang Fang faces backlash and death threat for ‘Wuhan Diary
इस महिला की 'डायरी' ने खोली चीन की पोल, मिलने लगीं धमकियां
मुख्य बातें
  • वुहान डायरी की लेखिका फेंग फेंग को जान से मारने की धमकियां
  • फेंग- फेंग ने अपनी डायरी के जरिए दुनिया के सामने रखी थी सच्चाई
  • लेखिका को मिल रही हैं जान से मारने की धमकियां

नई दिल्ली: पुरी दुनिया जानती है कि कोरोना संक्रमण कैसे पूरे विश्व भर में फैला। चीन के वुहान से शुरू होकर इस जानलेवा संक्रमण ने जो तबाही मचाही है उसे शायद ही दुनिया कभी भूल पाएगी। अभी तक लाखों लोगों की जान ले चुका यह वायरस 28 लाख के करीब लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। अमेरिका सहित दुनिया के कई देश चीन को इस वायरस की वजह से निशाने पर लेते रहे हैं। कई देशों का मानना है कि चीन इस मसले पर झूठ बोल रहा है और अब चीन के झूठ का पर्दाफाश भी हो रहा है।

सर्वोच्च सम्मान से हो चुकी हैं सम्मानित

 दरअसल चीन के वुहान में लॉकडाउन के दौरान एक प्रसिद्ध लेखिका ने डायरी लिखी है जिसका प्रकाशन हो चुका है। 64 साल की फेंग फेंग नाम की महिला को 2019 में लेखन के लिए देश का सर्वोच्च सम्मान मिला था। फेंग- फेंग ने वुहान में हुए पूरे घटनाक्रम की आंखों देखी सच्चाई 'वुहान डायरी' में बयां की है। जैसे ही फेंग-फेंग की डायरी दुनिया के दूसरे मुल्कों में पहुंची तो उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई है। चीन के लोगों का आरोप है कि फेंग-फेंग ने देश को शर्मशार किया है।

चीन में हो रही है आलोचना

 चीनी आलोचकों का कहना है कि 64 वर्षीय लेखिका जिन्हें 2010 में चीन के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, वे उन देशों को चारा मुहैया करा रही हैं जिन्होंने बीजिंग की महामारी से निपटने में कोई मदद नहीं की। फेंग ने 11 मिलियन की आबादी वाले वुहान शहर वुहान के बारे में अपनी डायरी में कई चौंकाने वाले खुलासे किए है। चूंकि अधिकारियों ने देश भर में इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सख्त कोशिश की, इसलिए औद्योगिक केंद्र के निवासियों के मन में इससे डर बैठ गया।

मास्क की कमी

अपनी डायर में फेंग ने इस बात का भी जिक्र किया है कि कैसे महामारी के दौर में वुहान के निवासियों को एक-दूसरे की मदद की। फेंग ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील विषयों का भी जिक्र करते हुए लिखा कि भीड़भाड़ वाले अस्पतालों में रोगियों की भीड़ थी और मास्क की कमी की वजह से उसके रिश्तेदारों की मौत हो गई। इस डायरी में फेंग ने कई तस्वीरें भी लगाई हैं।

डॉक्टरों ने बताई सच्चाई

 फेंग ने अपनी डायरी में लिखा, 'एक डॉक्टर मित्र ने मुझसे कहा: वास्तव में, हम सभी डॉक्टर काफी समय पहले से जानते थे कि यह बीमारी (कोरोना) मानव-से-मानव शरीर में फैलती है। हमने अपने वरिष्ठों को इसकी सूचना दी, लेकिन फिर भी किसी ने लोगों को इस बारे में जागरूक नहीं किया। एक अच्छे परिवार से ताल्लुक रखने वाली फेंग का असली नाम वांग फेंग है लेकिन वह फेंग-फेंग फेंग का उपयोग करता है।'

मौत की धमकियां
चीन में मीडिया स्वतंत्र नहीं है ऐसे में लेखिका की डायरी बाहर आने से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं।  चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी फेंग को धमकिया मिलनी शुरू हो गई हैं कोई उन्हें अमेरिकी एजेंट तक कह रहा है। एक सोशल मीडिया यूजर ने तो उन्हें विश्वासघाती तक कह डाला।  एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने फेंग पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे चार हजार वुहान के कोरोना पीड़ितों से पैसा बना रही हैं।