लाइव टीवी

Coronavirus origin : चीन की लैब से लीक हुआ कोरोना वायरस, रिपब्लिकन रिपोर्ट का दावा

Corona virus leaked from China's lab, claims Republican report
Updated Aug 02, 2021 | 21:52 IST

कोरोना वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचा दी। अब इस बात के सबूत मिल रहे हैं कि यह वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था। 

Loading ...
Corona virus leaked from China's lab, claims Republican reportCorona virus leaked from China's lab, claims Republican report
कोरोना वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई?

वॉशिंगटन: सबूतों के आधार पर साबित होता है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) चीन के एक रिसर्च फैसिलिटी से लीक हुआ। यह बात अमेरिकी रिपब्लिकन द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कही गई। रिपोर्ट में "पर्याप्त सबूत" का भी हवाला दिया गया है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) के वैज्ञानिक- अमेरिकी विशेषज्ञों और चीनी और अमेरिकी सरकार के फंड द्वारा सहायता प्राप्त - मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए कोरोनावायरस को मोडिफाय करने के लिए काम कर रहे थे और इस तरह के हेरफेर को छिपाया जा सकता है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर के मुताबिक हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के टॉप रिपब्लिकन प्रतिनिधि माइक मैककॉल ने पैनल के रिपब्लिकन स्टाफ की रिपोर्ट जारी की। इसने कोविड-19 कोरोनावायरस महामारी की उत्पत्ति की द्विदलीय जांच का आग्रह किया जिसने दुनिया भर में 4.4 मिलियन लोगों की जान ले ली है।

चीन ने वुहान फैसिलिटी से आनुवंशिक रूप से मोडिफाइड कोरोनावायरस के लीक होने से इनकार किया। जहां 2019 में पहला कोविड-19 केस का पता चला था। कुछ विशेषज्ञों के बीच यह एक प्रमुख लेकिन अप्रमाणित थ्योरी है। बीजिंग भी इन आरोपों से इनकार करता है। अन्य विशेषज्ञों को संदेह है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के पास सीफूड बाजार से यह महामारी का वायरस एक जानवर से मनुष्यों में आया। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब हम मानते हैं कि गीले बाजार को स्रोत के रूप में पूरी तरह से खारिज करने का समय आ गया है। हम यह भी मानते हैं कि पुख्ता सबूत यह साबित करती है कि वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था और ऐसा 12 सितंबर, 2019 से कुछ समय पहले हुआ था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे लैब में सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में नई और अंडर-रिपोर्ट की जानकारी कहा जाता है, जिसमें फैसिलिटी के लिए खतरनाक वेस्ट ट्रीटमेंट सिस्टम के 1.5 मिलियन डॉलर से आमूल चूल परिवर्तन के लिए जुलाई 2019 का अनुरोध शामिल है। जो दो साल से कम पुराना था। अप्रैल में, टॉप अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने कहा था कि वैज्ञानिक इस बात से सहमत है कि वायरस मानव निर्मित या आनुवंशिक रूप से मोडिफाइड नहीं था।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने मई में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को वायरस की उत्पत्ति के लिए अपनी रिसर्च में तेजी लाने और 90 दिनों में वापस रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। वर्तमान खुफिया आकलन से परिचित एक सूत्र ने कहा कि अमेरिकी खुफिया समुदाय किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है कि यह वायरस जानवरों से या वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आया है।