बीजिंग : कोरोना वायरस चीन में कहर बरपा रहा है। इस वायरस से यहां अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई बीमार हैं। इस मामले में अब नया खुलासा सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह जानलेवा वायरस सांपों के जरिये इंसानों में फैला, जिससे अब तक यहां 550 लोग संक्रमित हो चुके हैं। यह वायरस चीन की सीमा को पार कर थाईलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका तक पहुंच चुका है।
कोरोना वायरस का पहला मामला दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में सामने आया था, जिसके बाद से यह लगातार फैलता जा रहा है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को बुखार, सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया जैसी परेशानियां हो रही हैं। इस संबंध में एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि कोरोना वायरस लोगों में सांप के काटने से नहीं फैला है, बल्कि इसकी वजह खान-पान और हवा के जरिये इस संक्रमण का फैलना बताया जा रहा है।
चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी के हेल्थ साइंस सेंटर ने इस संबंध में एक शोध किया है। शोधकर्ताओं ने विभिन्न जीव-जंतुओं से कुल 217 वायरस के सैंपल लिए थे, जिनमें से 5 कोरोना वायरस के थे। सभी जीवों में पाए जाने वाले वायरस की तुलना जब चीन में कहर बरपा रहे नए वायरस से की गई तो यह तथ्य सामने आया कि यह वायरस सांपों में पाए जाने वाले वायरस से मिलता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि चमगादड़ से फैलने वाला सार्स (Severe Acute Respiratory Syndrome) का वायरस सांप में गया, जिसके बाद इसका जीनोम बदल गया और यह सार्स के मुकाबले और खतरनाक हो गया। डब्ल्यूएचओ ने इसे 2019-एनकोवी नाम दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बिल्कुल नई बात है कि दो जीवों के वायरस ने मिलकर एक नया वायरस बना लिया और अब यह हवा व खाने की चीजों के जरिये इंसानों को संक्रमित कर रहा है। वायरस के जीनोम में आए इस बदलाव को वैज्ञानिकों ने भविष्य के लिए बेहद खतरनाक बताया है।
यहां उल्लेखनीय है कि चीन के कई शहरों में सांप, चमगादड़, मैरमोट्स, पक्षी, खरगोश जैसे जीव-जंतुओं को खाने की परंपरा है और वुहान में इसका बड़ा बाजार भी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि संभव है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज थोक बाजार में वन्यजीवों के संपर्क में आए होंगे। बताया जा रहा है कि यह नया वायरस 2003 में फैले सार्स से मिलता-जुलता है, जिससे 8,422 लोग संक्रमित हुए थे। इनमें से 900 से अधिक की जान चली गई थी। सार्स का इलाज तो वैज्ञानिकों ने ढूंढ लिया है, पर कोरोना वायरस का इलाज अब तक नहीं मिल पाया है।