- चीनी साइंटिस्ट ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर सनसनीखेज दावा किया है
- उनका कहना है कि यह चीन के वुहान स्थित प्रयोगशाला से ही निकला और मानव निर्मित है
- चीनी साइंटिस्ट ने यह भी कहा कि अपनी बात को साबित करने के लिए उनके पास साक्ष्य हैं
वाशिंगटन : दुनिया में गहराते कोरोना संकट के बीच चीन पर लगातार उंगली उठ रही है। इस बीच एक चीनी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि दुनिया में कहर बरपाने वाले यह घातक संकमण चीन की प्रयोगशाला से ही निकला है और उनके पास इसके साक्ष्य भी हैं। उनका यह दावा ऐसे समय में आया है, जबकि इस घातक संक्रमण को सामने आए 10 माह से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन वैज्ञानिक अब तक इसकी काट नहीं निकाल पाए हैं।
जानलेवा कोरोना वायरस संक्रमण के चीनी प्रयोगशाला से ही निकलने का यह सनसनीखेज दावा चीन की ही साइंटिस्ट व व्हिसलब्लोअर ली-मेंग यान ने किया है। उनके मुताबिक, यह घातक संक्रमण वुहान स्थित चीन की प्रयोगशाला से निकला था, जहां कोविड-19 का पहला मामला नवंबर 2019 में सामने आया था। तब कहा गया कि यह वुहान के सी-फूड मार्केट से निकला। हालांकि इस संबंध में अब तक कोई साक्ष्य नहीं दिया गया।
'प्रयोगशाला से निकला वायरस'
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ऐसी आशंका जताई कि यह वुहान की प्रयोगशाला में 'मानव निर्मित' वायरस हो सकता है, जो सी-फूड मार्केट के करीब है। अब इसी तरह का सनसनीखेज दावा चीनी वायरोलॉजिस्ट ली-मेंग यान ने किया है, जिनका कहना है कि यह वायरस उस वुहान की उस प्रयोगशाला से निकला, जिसका नियंत्रण सरकार के पास है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने दावे के पक्ष में साक्ष्य होने की बात भी कही।
ली-मेंग के बारे में कहा जाता है कि वह इस साल की शुरुआत में हॉन्कॉन्ग चली गई थीं और फिर सुरक्षा कारणों से वह अमेरिका चली गईं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि चीन ने जब इस वायरस को लेकर सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया, उससे पहले से ही उसे इसके बारे में जानकारी थी। शुरुआत में उसने इसे छिपाने का प्रयास किया। ली-मेंग की गिनती दुनिया के उन शीर्ष वैज्ञानिकों के बारे में की जाती है, जिन्हें बीते साल के आखिर में चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस संक्रमण के अध्ययन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।