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Covid 19 Pandemic: दुनिया के एक बड़े संगठन पर अब जांच की तलवार, चीन से करीबी ने डूबोई साख !

Updated May 18, 2020 | 08:48 IST

World health organization on coronavirus: कोरोना वायरस के मुद्दे पर दुनिया के 180 मुल्क परेशान है। अब इस विषय पर डब्ल्यूएचओ की भूमिका की जांच के लिए 62 देश स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं।

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सवालों के घेरे में है विश्व स्वास्थ्य संगठन
मुख्य बातें
  • दुनिया में कोरोना संक्रमितों की तादाद 47 लाख के पार, 3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत
  • भारत में कोरोना संक्रमितों की तादाद 90 हजार के पार
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन पर देरी से महामारी घोषित करने का आरोप

नई दिल्ली। दुनिया के 180 मुल्क कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं। इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में अलग अलग तरीकों को आजमाया जा रहा है। लेकिन अंतिम उम्मीद सिर्फ वैक्सीन पर टिकी है। इसके साथ ही यह सवाल बार बार उठ रहा है कि क्या चीन ही जिम्मेदार है। इस संबंध में अमेरिको तो खुलकर चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा है। इस संबंध में डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं कि अगर चीन की तरफ से यह गलती से हुआ तो बात दूसरी है। लेकिन जानबूझकर किया गया है तो खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

WHO की भूमिका और 62 देशों की बैठक
इन सबसे बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका पर 62 देशों की बैठक हो रही है जिसमें भारत भी शामिल है। भारत ने पहली बार चीन के मुद्दे पर अपना रुख साफ किया है। भारत का भी मानना है कि कोरोना वायरस के बारे में चीन को खुद अपनी भूमिका के बारे में जानकारी देनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय यूनियन ने एक प्रस्ताव दिया है जिसमें कहा गया है कि जिस वक्त विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड 19 को वैश्विक महामारी घोषित किया क्या वो ठीक वक्त था, क्या उनकी तरफ से लेटलतीफी तो नहीं हुई। इस विषय पर एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जरूरत है। 

चीन के मुद्दे पर खुलकर भारत आया सामने
चीन के मुद्दे पर भारत की तरफ से सधी प्रतिक्रिया आती रही है। लेकिन कोविड 19 के विषय पर जिस तरह से आस्ट्रेलिया और यूरोपीय यूनियन के प्रस्ताव का भारत ने समर्थन दिया है उसे जानकार बड़ा बदलाव बता रहे हैं। बता दें कि कोरोना के विषय में भारत की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन दुनिया को जानकारी देंगे। यहां सह समझना जरूरी है कि लोगों के भी जेहन में सिर्फ एक ही सवाल है कि जब चीन बूरी तरह से कोरोना की जद में आ चुका था तो भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से चेतावनी देने में देरी क्यों की गई।