रूस-यूक्रेन में अंतहीन जंग के बीच दुनिया के सामने एक नए युद्ध का खतरा मंडरा रहा है..अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा क्या की? चीन बौखला गया है..वो नॉन स्टॉप वॉर ड्रिल कर रहा है..मिसाइलें दाग रहा है..एयरक्राफ्ट उड़ा रहा है..समंदर में वॉरशिप दौड़ा रहा है..ऐसे में सवाल ये कि क्या चीन-ताइवान में युद्ध का सायरन बज चुका है और अगर चीन ने ताइवान पर अटैक किया तो क्या तीसरे विश्वयुद्ध को रोकना असंभव होगा?
ताइवान के नक्शे को खुद में मिलाने पर चीन क्यों आमादा है? इसके लिए वो दुनिया के ताकतवर मुल्कों से भी लोहा लेने पर क्यों तुला है? इसके लिए आपको ताइवान के इतिहास और वर्तमान की पूरी कहानी देखनी होगी.. समंदर से घिरा ताइवान..जिसके खिलाफ चीन गुस्से से लाल-पीला है..चीन की आर्मी.. एयरफोर्स और नेवी.. तीनों इस वक्त युद्धाभ्यास कर रही हैं.. युद्धाभ्यास यानी जंग की तैयारी.. ये लाल निशान देखिए.. इन पांच इलाकों में चीन की नेवी.. भयंकर ड्रिल कर रही है.. और ताइवान की सीमा पर बने 5 आर्मी बेस..8 एयर बेस.. और 5 नेवी बेस पूरी तरह से एक्टिवेट हो गए हैं..
सवाल ये उठता है कि क्या चीन अपने कदम पीछे हटाएगा? या फिर ताइवान पर हमले के बाद कब्जा कर लेगा..इसका जवाब सिर्फ चीन के पास है..फिलहाल वो ताइवान को डराने के लिए वॉर एक्सरसाइज कर रहा है..
इस ड्रिल में चीन ने अपने 7 बड़े हथियार उतार रखे हैं-
- J-20 स्टेल्थ फाइटर जेट जो पांचवी पीढी़ का फाइटर जेट है.. इसकी रफ्तार है- 2450 किलोमीटर प्रति घंटा
- DF-17 बैलिस्टिक मिसाइल.. जिसकी रेंज है 1800-2500 किलोमीटर.. और 6000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से अटैक करता है
- शैंनडॉन्ग एयरक्राफ्ट कैरियर जो एक बार में 44 लड़ाकू विमान लेकर चलने की ताकत रखता है
- लियाओनिंग एयरक्राफ्ट कैरियर- जिसकी एक बार में 50 हेलीकॉप्टर की क्षमता है
- एम्फीबियस असॉल्ट शिप- ये सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है और एक साथ 30 हेलीकॉप्टर लेकर चलने की क्षमता रखता है
- टाइप 055 गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर- 1000 राउंड प्रति मिनट फायरिंग करने वाले सिस्टम से लैस
- PHL- 03 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर- 130 किलोमीटर दूर तक रॉकेट दागने में सक्षम
चीन इसके अलावा ताइवान पर आसमान से भी हमला कर सकता है.. चंद दिनों में चीन के फाइटर जेट ताइवान की एयर स्पेस में भी उड़ रहे हैं.. चीन ने मिसाइलों के जरिए भी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है..
चीन की धमकी - ताइवान की तैयारी
यानी चीन साफ-साफ ये कहना चाह रहा है कि ताइवान उसकी एयरफोर्स की रेंज में पूरी तरह से आता है.. उधर, ताइवान ने भी समंदर के करीब अपने एयरबेस पर हलचल बढ़ा दी है.. फाइटर जेट्स लगातार आसमानी सीमा में उड़कर चीनी फाइटर जेट्स को चेतावनी दे रहे हैं..
चीन से सीधी टक्कर लेने के लिए ताइवान अमेरिका से उम्मीद लगाए बैठा है..लेकिन अगर इस इलाके में जंग हुई तो क्या अमेरिका उसकी मदद कर पाएगा?
क्योंकि ताइवान की लोकेशन इस तरह है कि वो चीन की रेंज में पूरी तरह से आता है
इस इलाके में अमेरिका के फाइटर जेट्स को पहुंचने के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर की मदद चाहिए होगी
चीन अपने एयरफोर्स और एंटी क्रूज मिसाइलों के जरिए अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर को रोक सकता है
युद्ध में उतरना किसी भी मुल्क के लिए आसान नहीं होता है.. चीन भी इससे कतरा रहा होगा.. क्योंकि युद्ध का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है.. ऐसे में ड्रैगन रणनीतिक युद्ध लड़ सकता है..
चीन.. दुनिया से ताइवान का कनेक्शन काट सकता है
अब सवाल उठता है कि चीन को इससे फायदा क्या होगा?
ताइवान अपने खाद्य पदार्थ का 65% हिस्सा आयात करता है
ताइवान सेमीकंडक्टर चिप और आयरन-स्टील का बड़ा निर्माता है
ऐसे में ताइवान की अर्थव्यवस्था निर्यात पर आधारित है
अगर चीन ने दुनिया से ताइवान का लिंक काट दिया
तो ताइवान की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी
और ताइवान घुटनों पर आ जाएगा
ऐसे में बड़ा सवाल ये कि अगर युद्ध हुआ तो जंग यूक्रेन वाली नहीं सीधी और भयंकर होगी..चीन ने अगर ताइवान पर अटैक किया तो फिर शायद तीसरे विश्वयुद्ध को रोकना भी नामुमकिन होगा..