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कोरोना का कोहराम: पूरी दुनिया में इस जानलेवा वायरस से मौत का आंकड़ा एक लाख के पार

Updated Apr 11, 2020 | 01:05 IST

कोरोना के कहर से पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस वायरस से अब तक एक लाख लोगों की जान जा चुकी है।

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कोरोना वायरस का कहर
मुख्य बातें
  • पूरी दुनिया में कोरोना से मरने वालों की संख्या अब तक 1 लाख, 15 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
  • इटली, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा
  • कोरोना की वजह से दुनिया में मंडराया आर्थिक मंदी का भी खतरा

नई दिल्ली। 21वी सदी का तीसरा दशक अब तक के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है। दुनिया के 196 मुल्क कोरोना वायरस से प्रभावित हैं और अब तक एक लाख लोग जान गंवा चुके हैं। इसके साथ ही प्रभावितों की तादाद साढ़े सोलह लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है। चीन के वुहान से कोरोना का वायरस जबरदस्त तांडव कर रहा है। कोरोना की वजह से इटली, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। 

कोरोना से दुनिया का हाल बेहाल
कोरोना वायरस पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सभी प्रभावित देशों की तरफ से हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। लेकिन आंकड़ों में जितनी तेजी से इजाफा हो रहा है वो चिंताजनक है। अगर इंग्लैंड की बात करें तो शुक्रवार के दिन वहां 980 लोगों की मौत हो चुकी है जो अब तक सर्वाधिक आंकड़ा है। इसके साथ अमेरिका में भी मरने वालों की संख्या सात हजार के पार जा चुकी है। इटली, स्पेन, फ्रांस का आंकड़ा 20 हजार के करीब पहुंच रहा है। 
पूरे यूरोप में सिसकी
यूरोप के सभी देश इस कोरोना वायरस की वजह से तबाह हो रहें हैं। उम्मीद की किरण वैक्सीन है लेकिन पुख्ता तौर पर अभी तक अंतिम नतीजों पर नहीं पहुंचा जा सका है। इस टेबल को देखकर समझा जा सकता है कि संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में आए हैं, मौत के मामले में इटली और अमेरिका के बीच का फासला तेजी से कम हो रहा है। 

देश   अब तक कुल मौत  अब तक संक्रमित मामले
इटली 18, 279 143,626
अमेरिका 16, 676 462,135
स्पेन 15, 477 153, 222
फ्रांस 12,210  

(सौजन्य- John Hopkins)

हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन पर टिकी नजर
कोरोना वायरस के लिए अभी तर किसी तरह की वैक्सीन नहीं बन सकी है। लेकिन शोध के बाद डॉक्टर्स इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि मरीजों और उनकी देखभाल में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन के टैबलेट दिए जा सकते हैं। इस तरह की जानकारी सामने आने के बाद भारत से 30 देशों ने इस दवा की मांग की थी। मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की तरफ से निर्यात में आंशिक ढील भी दी गई है।