- सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं यूरोप की कई नदियां
- पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे लोग
- पिछले एक साल में ही रिकॉर्ड लेवल पर बढ़ा है तापमान
यूरोप में भीषण सूखा पड़ गया है। नदियां सूख गई हैं। पेड़-पौध सूख रहे हैं। हाल ये है कि लोगों को पानी के लिए त्राहि-त्राहि करना पड़ रहा है। कई देशों में किसानों की हालत खराब हो गई है। यूरोप पिछले 500 सालों के इतिहास में सबसे ज्यादा सूखे का सामना कर रहा है। गर्मी ऐसी पड़ रही है कि लोग परेशान हो चुके हैं।
अब एक सेटेलाइज तस्वीर सामने आई है, जिससे इस सूखे का भयावह रूप सामने आया है। यूरोप की कुछ सबसे बड़ी नदियों जैसे डेन्यूब, राइन में जल स्तर इतना कम हो गया है कि जलमार्ग को यातायात के लिए बंद करना पड़ा है। वहीं जिन इलाकों में लगातार बारिश होती थी, वहां भी कई महीनों से बारिश नहीं हुई है।
कई इलाकों में तो जंगलों में आग लग गई। यूरोपीय संघ के पर्यावरण कार्यक्रम 'कोपरनिकस' के हवाले से 'स्पेस' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल सूखा यूरोप में 500 सालों में सबसे ज्यादा है। 1540 में इस क्षेत्र में आए भीषण सूखे के बाद से यूरोप में इस साल की गर्मियों को सबसे गर्म माना जा रहा है।
यूरोपीय संघ के कोपरनिकस प्रोग्राम द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, यूरोप के बड़े क्षेत्रों को 1 जुलाई से 31 अगस्त के बीच हरे-भरे से सूखे भूरे रंग में बदलते हुए देखा जा सकता है। कोपरनिकस वेबसाइट पर उपलब्ध तस्वीरें दर्शाती हैं कि सूखा किस हद तक यूरोप को प्रभावित कर रहा है।
नीदरलैंड के नूर्डोस्टपोल्डर में अधिकांश भूमि कृषि के लिए उपयोग की जाती है। पेड़-पौधों की कमी के कारण अब यह क्षेत्र हेरे से भूरा दिखने लगा है। कोपरनिकस के अनुसार, इस क्षेत्र में पशुओं के लिए चारा पैदा करने में समस्या हो रही है। पानी की कमी के कारण फसलें सूख गईं हैं।
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